भारतीय रेल : डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) जनवरी 2025 के दौरान मालगाड़ी परिचालन में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर चुका है. डीएफसी ट्रैक पर प्रति दिन 391 ट्रेनें (औसत) दौड़ी. ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) प्रति दिन 209 ट्रेनें (औसत), वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) प्रति दिन 182 ट्रेनें (औसत). यह उपलब्धि निर्बाध और कुशल माल परिवहन के लिए डीएफसी पर बढ़ती निर्भरता को दर्शाती है. औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में इसकी भूमिका को मजबूत करती है.
न्यू उंचडीह स्टेशन पर रेक हैंडलिंग
न्यू उंचडीह स्टेशन पर उच्चतम MUNU रेक हैंडलिंग हुई जो मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है. मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड को 9.12.2023 को स्टेशन न्यू ऊंचडीह में डीएफसीसीआईएल से जोड़ा गया था. जनवरी 2025 में 175 एमयूएनयू रेक को हैंडल किया गया. निर्बाध महाकुंभ मेला ट्रेन संचालन में डीएफसी प्रयागराज मंडल का सहयोद कर रहा है. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर महाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज डिवीजन को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. भव्य धार्मिक आयोजन के लिए करोड़ों तीर्थयात्रियों का प्रयागराज में आवाजाही है.
100% माल यातायात को सफल
पूर्व मध्य रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे से 100% माल यातायात को सफलतापूर्वक ईडीएफसी की ओर मोड़ने से निकटवर्ती जोनल रेलवे को बहुत जरूरी राहत मिली है और संतृप्त मार्गों पर महाकुंभ स्पेशल ट्रेनों का सुचारू संचालन संभव हो सका है.
महाकुंभ मेला को सहयोग
केवल डायवर्जन के कारण 11 जनवरी 25 से 31 जनवरी 25 तक शुरू होने वाले स्नान दिवसों के दौरान ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) पर प्रतिदिन औसतन 155 मालगाड़ियां चल रही हैं. इससे ईडीएफसी, उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के प्रयागराज डिवीजन में भीड़भाड़ कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. माल ढुलाई में यह रणनीतिक बदलाव न केवल भीड़-भाड़ को कम कर रहा है बल्कि महाकुंभ मेला विशेष ट्रेनों के सुचारू संचालन को भी सक्षम बना रहा है. इससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि श्रद्धालु पवित्र जल में स्नान के लिए आसानी से यात्रा कर सकें.
विकास को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका
डीएफसीसीआईएल के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार ने डीएफसीसीआईएल प्रदर्शनी शिविर का दौरा किया और आगंतुकों से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के लिए उनकी सराहना की. प्रदर्शनी शिविर ने सफलतापूर्वक आगंतुकों को डीएफसी की निर्माण यात्रा, इसके अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और माल ढुलाई संचालन को चलाने वाली प्रौद्योगिकियों की व्यापक समझ प्रदान की है. डीएफसीसीआईएल आधुनिक रेल लॉजिस्टिक्स में भारत की प्रगति को उजागर करने और परिवहन बुनियादी ढांचे में भविष्य के विकास को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
प्रदर्शनी भी है आकर्षण
प्रदर्शनी शिविर में प्रमुख पुलों, छोटे पुलों, इंजीनियरिंग चमत्कारों, डीएफसी के निर्माण में उपयोग की गई तकनीकी प्रगति, इंजनों के विभिन्न मॉडलों, वैगनों, संचालन नियंत्रण केंद्र के सचित्र बैनर रखे गए हैं. निदेशक वित्त, निदेशक (परियोजना योजना) ने अवलोकन किया.