SARAIKELA : सरायकेला जिले के आदित्यपुर स्थित कोल्हान के एकमात्र ईएसआईसी अस्पताल में पहले की तरह अगले एक महीने तक, यानि 6 अप्रैल तक सामान्य रूप से डायलिसिस होगा. दरअसल, बुधवार 6 मार्च से ही यहां किडनी रोग के मरीजों के डायलिसिस का इलाज बंद होनेवाला था. इससे सैकड़ों मरीजों के जान पर आफत बन सकती है. इस बीच बीते मंगलवार को ही आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने केंद्रीय श्रम एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री भूपेंद्र यादव के कार्यालय एवं निजी सहायक को पूरे मामले से अवगत कराते हुये समस्या के निदान की थी. आखिरकार उनकी यह पहल तब रंग लायी, जब ईएसआईसी अस्पताल को इसे लेकर एक महीना का एक्सटेंशन मिला गया. इससे मरीजों के साथ उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली है.
यह है मामला
मालूम हो कि आदित्यपुर स्थित ईएसआईसी अस्पताल में 5 वर्ष पूर्व नेफ्रो प्लस नामक कंपनी के साथ टाइपअप कर मरीज का डायलिसिस इलाज शुरू किया गया था. यहां तकरीबन 70 से भी अधिक मरीज सप्ताह में तीन से चार बार डायलिसिस का इलाज करते हैं, लेकिन टाइपअप खत्म होने के बाद नेफ्रो प्लस द्वारा मंगलवार को अचानक नोटिस चस्पा कर बुधवार 6 मार्च से डायलिसिस इलाज बंद करने की घोषणा कर दी गई. इससे मरीजों के जान पर संकट बन आयी. वहीं परिजनों का बुरा हाल है. डायलिसिस के मरीजों ने इस संकट से उबारने के लिए डायलिसिस मरीजों के परिजनों का कहना है कि प्रतिमाह उनके निजी कंपनी के वेतन में से ईएसआईसी इलाज के नाम पर कटौती की जाती है, लेकिन उन्हें अचानक से किडनी मरीज को जान बचाने वाले इस इलाज को बंद किए जाने से उनके समक्ष अब जान का खतरा बन गया है. परिजनों ने बताया कि सेकेंडरी टाइअप के तहत शहर के निजी अस्पतालों के साथ करार खत्म कर दिया है, ऐसे में 10 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह कमाने वाले इन मजदूरों को बाहर निजी अस्पताल में डायलिसिस इलाज के लिए प्रतिमा 26 हजार रूपए खर्च करने पड़ेंगे, जो संभव नहीं है. इसी को देखते हुये नगर निगम के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने पहल की, जो आखिरकार रंग लायी.