रांची : राजधानी रांची स्थित झारखंड विधानसभा मे झारखंड विधानसभा के सदस्यों के लिए दो दिवसीय प्रबोधन सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन का शुभारंभ हुआ. मौके पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि विधायकों और मंत्रियों को शोर शराबा और व्यवधान डालकर सदन के बहुमूल्य समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए. जनता विधायकों को चुनती है और चुने हुए विधायक बहुमत के आधार पर मुख्यमंत्री का चयन करते हैं. वही चुने हुए विधायक राजकोष के संरक्षक के रूप में भी होते हैं.
विधायकों को प्रभावी बनना चाहिए
कार्यशाला में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने संसदीय विशेषाधिकार कि विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की की देश का सबसे युवा विधानसभा झारखंड विधानसभा है. इस बार नए विधायक चुनकर आए हैं. इनके अलावा महिला विधायकों की संख्या भी 12 है. उपसभापति ने कहा कि देश की राजनीति में युवा चेहरे आगे बढ़कर आ रहे हैं. हाल में ही संपन्न हुए जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में अभी बड़ी संख्या में युवा विधायक चुनकर आए हैं. जबकि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कुछ इसी तरह के अकड़े आए हैं. विधानसभा के रूल बुक सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति से बनते हैं इसलिए इसका पालन सही तरीके से सुनिश्चित होना चाहिए. देश में बड़ा बदलाव विधायिका से ही संभव है. इसलिए विधायकों को प्रभावी बनना चाहिए.
भारत की पहचान लोकतांत्रिक मूल्यों से
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश और दुनिया में भारत की पहचान लोकतांत्रिक मूल्यों की वजह से होती है. इसलिए लोकतंत्र को मजबूत बनाना हमारी जिम्मेवारी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है. यहां किसी के साथ भेदभाव नहीं होता है. हम सभी को लोकतांत्रिक मूल्यों को समझने की जरूरत है. हमें संविधान मिला इस बात का गौरव होना चाहिए. इसके साथ ही संविधान पर हम खरा उतरे यह हमसब की जिम्मेवारी है. सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. हर उम्र में हमें सीखने की सिर्फ चाहत होनी चाहिए.
झारखंड को आय के स्रोत को बढ़ाने की जरूरत
मौके पर संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा की संसदीय व्यवस्था मजबूत होने से राज्य का समावेशी विकास होता है. वर्तमान राज्य सरकार समावेशी विकास पर कार्य कर रही है. केंद्र और राज्य सरकार के बीच आर्थिक और राजनीतिक सुचिता होनी चाहिए. झारखंड को अपने आय के स्रोत को बढ़ाने की जरूरत है. केंद्र सरकार से हमें अपनी बकाया कर की राशि मिलनी चाहिए.
जीरो ऑवर में सुधार की जरूरत
मौके पर वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने कहा कि झारखंड में लगभग 35 दोनों का सत्र 1 वर्ष में संचालित किया जाता है. जबकि कार्य दिवस की कुल संख्या कम से कम 60 दिनों की होनी चाहिए. सच्चाई यह है कि सरकार किसी भी दल की हो खुद सरकार ही नहीं चाहती है कि सदन अधिक से अधिक दिन तक चले. झारखंड विधानसभा के संबंध में विधायक ने कहा कि जीरो ऑवर में सुधार करने की जरूरत है.