जमशेदपुर।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की ओर से जमशेदपुर की अदालत में पेश अलकायदा संदिग्धों से बरामद दस्तावेज का हिन्दी में अनुवाद होगा, क्योंकि दस्तावेज उर्दू और अरबी भाषा में हैं. एटीएस की ओर जब्त दस्तावेज को अलकायदा से जुड़े होने का आरोप लगाकर अदालत में पेश किया गया था.
एटीएस का मानना है कि जब्त दस्तावेज में अलकायदा के इंडियन सब कांटीनेंट (एक्यूआईएस) को संचालित करने की जानकारी है. साथ ही लोगों को संगठन की ओर आकर्षित करने का सुझाव है. एटीएस ने एक चिप और एक मोबाइल भी अदालत में पेश किया है. मामले में जब्ती सूची के गवाह पुलिसकर्मी की अदालत में गवाही हुई है.
मालूम हो कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले ओडिशा से अब्दुल रहमान कटकी उसके बाद हरियाणा के मेवात से जमशेदपुर के अब्दुल सामी को गिरफ्तार किया था. अब्दुल सामी से पूछताछ के बाद 25 जनवरी 2016 को धतकीडीह निवासी अहमद मसूद उर्फ मोनू और मानगो के राजू उर्फ नसीम अख्तर को गिरफ्तार किया गया था. दोनों पर आरोप है कि अब्दुल रहमान उर्फ कटकी से प्रेरित होने के बाद 2003 से आतंकी संगठन के लिए काम कर रहे थे. बिष्टुपुर थाने में पुलिसकर्मी के बयान दर्ज केस दर्ज हुआ था. मसूद के घर से छापेमारी में 9 एमएम की लोडेड देसी पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस, मोबाइल, किताब, मोबाइल की चिप, उर्दू की किताब और कई पेपर कटिंग बरामद हुई थी, जिसे एटीएस ने अदालत में पेश किया है.