पूर्वी सिंहभूम :जी हां कहने को तो जमशेदपुर, झारखंड और पूरे देश में तीव्र गति से विकास हो रहा है. भारत चांद और सूरज तक पहुंच गया है, लेकिन जीरो ग्राउंड पर जाने पर सबकुछ साफ हो जाता है. विकास की सच्चाई जाननी हो तो झारखंड के ही पूर्वी सिंहभूम जिले के हाता-रसूनचोपा सड़क मार्ग पर चले जाएं. रसूनचोपा से पालीडीह तक सड़क चलने लायक भी नहीं है. अगर मजबूरन चल भी रहे हैं तो लोग सड़क पर पहुंचते ही उफ्फ कर जाते हैं. उन्हें समझ में नहीं आता है कि यह सड़क है या तालाब.
पिछले दो सालों से झारखंड-ओडिशा को जोड़ने वाली नेशनल हाईवे 220 रसूनचोपा से पालीडीह तक लगभग दो किमी. सड़क पूरी तरह से बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. इस कारण कई लंबी दूरी की बसें भुवनेश्वर, कटक आदि जाने वाली रूट परिवर्तन कर घाटशिला, बहरागोड़ा होते हुए जा रही है. सड़क इतनी खराब हो चुकी है कि इस सड़क से होकर गुजरना यात्रियों के लिए जान जोखिम में डालने के बराबर है.
हल्की बारिश में होती तालाब में तब्दील
हल्की बारिश होते ही सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. बारिश न हो तो इतनी धूल उड़ती है कि आने-जाने वाले लोगों को कुछ दिखाई नहीं देता है. सांसद विद्युत वितरण महतो द्वारा 2023 में ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द जर्जर सड़क को बना लिया जाएगा.
सांसद से नाराजगी
अब गांव के लोग सांसद से काफी नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव में जनप्रतिनिधि बड़े-बड़े वादे करते हैं. पद पर आसीन होते ही जन समस्याओं को भूल जाते हैं. लोगों को इसी तरह झेलना पड़ता है.
हिमांशु सरदार ने क्या कहा
हिमांशु सरदार ने कहा कि सांसद जब रसूनचोपा आए थे तो हम लोगों ने सड़क की समस्या से उन्हें अवगत कराया था. उन्होंने कहा था कि बहुत जल्द सड़क को बनाया जाएगा. चुनाव सिर पर है. फिर से वादे किए जाएंगे.
सीताराम सोरेन भी हैं नाराज
सीताराम सोरेन ने कहा की सांसद विद्युत वरण महतो द्वारा किया गया वादा पूरा नहीं किया गया है. इसके कारण हम सब काफी दुखी हैं. यह राष्ट्रीय राजमार्ग है. अगर इस सड़क का यह हाल है तो बाकी सड़क की क्या स्थिति होगी. सांसद को चाहिए था कि इस सड़क को प्राथमिकता के आधार पर बना दें.
विदेश महतो ने बताया जानलेवा सड़क
विदेश महतो ने कहा कि सड़क इतनी खराब है कि हम सबों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ती है. आए दिन सड़क पर दुर्घटनाएं घटित हो रही है. कई लोगों की जान भी जा चुकी है. यह सड़क खूनी सड़क के रूप में भी जाना जाता है.