जमशेदपुर : भाजपा महानगर के पूर्व जिला अध्यक्ष रामबाबू तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के जमशेदपुर पूर्वी के प्रत्याशी डॉ अजय कुमार नेता के रूप में पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो चुके हैं. राजनीति में भगौड़ा और पलटू राम जैसी उपलब्धि इनके खाते में है. ये स्वभावत भगौड़ा किस्म के इंसान हैं. कभी एक जगह नहीं टिकते हैं. दरअसल, ये चुनौतियों का सामना करने में कभी सक्षम नहीं रहे हैं. यही वजह है कि पेशा दर पेशा और पार्टी दर पार्टी बदलते रहे हैं.
राजनीति का भूत सवार हो गया
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सह पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रामबाबू तिवारी एवं जमशेदपुर महानगर जिला मंत्री पप्पू सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जमशेदपुर के लोग इनकी इस आदत से भली भांति परिचित भी हैं. उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की, लेकिन डॉक्टरी का पेशा नहीं अपनाया. आइपीएस की नौकरी की, लेकिन कुछ सालों में उससे भी ऊब गये. फिर डॉ अजय ने टाटा कंपनी में नौकरी की. यहां भी इनका मन नहीं लगा. फिर मैक्स हॉस्पिटल में नौकरी कर ली. वहां भी ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाये. इसके बाद इनके सिर पर राजनीति का भूत सवार हो गया.
पहले झाविमो ज्वाइन किया
सबसे पहले उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा ज्वाइन की. उसकी टिकट पर जमशेदपुर लोकसभा का चुनाव लड़.। सांसद भी बने, लेकिन अगले ही आम चुनाव में जमशेदपुर की जनता ने इन्हें नकार दिया. उस समय भी ये आरोप था कि न तो वो जमशेदपुर में रहते हैं, न ही जनता का काम करते हैं. जमशेदपुर से चुनाव हारने के बाद डॉ अजय झाविमो छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गये. कांग्रेस में शामिल होते ही वहां के नेताओं से इनकी खटपट शुरू हो गई. भले वे राजनीति में आ गये, लेकिन उनकी कार्यशैली पुलिस अधिकारी वाली ही रही.
व्यवहार काफी खराब है
कार्यकर्ताओं के प्रति इनका व्यवहार काफी खराब था. कांग्रेस के नेता इनके खिलाफ और ये कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ जहर उगलने लगे. कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बारे में डॉ अजय ने कहा था- कांग्रेस के नेताओं से बेहतर हैं कुख्यात अपराधी. और तो और कांग्रेस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रहते डॉ अजय कुमार ने एक कांग्रेसी कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी दे डाली थी. उन्होंने कांग्रेस नेता को कहा था कि मैंने 300 एनकाउंटर किये हैं. तुम क्या हो. कांग्रेस नेता सुनील सिंह ने उनके खिलाफ रांची के लालपुर थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. डॉ अजय ने बाद में पुलिस पर दबाव बनाकर मामले को रफा दफा कराया.
आइडियोलॉजी नहीं है
2019 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा था कि डॉ अजय की कोई आइडियोलॉजी (विचारधारा) नहीं है. कांग्रेस में इनका इतना विरोध हुआ कि डॉ अजय कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में चले गये. यह इनका तीसरा राजनीतिक दल था. यहां भी ये ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाये क्योंकि वहां इनसे से भी बड़े-बड़े कलाकार थे. फिर ये आम पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गये. डॉ अजय जहां-जहां जाते हैं कांग्रेस का बंटाधार कर देते हैं. कांग्रेस ने ओडिशा और त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में इनको प्रभारी बनाया. दोनों जगहों पर कांग्रेस बुरी तरह हारी. झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इन्हें पद छोड़ना पड़ा. अभी तक डॉ अजय कुमार दो बार कांग्रेस, एक बार झाविमो और एक बार आम आदमी पार्टी में रह चुके हैं.