सरायकेला-खरसावां : गर्मी ने अभी से ही अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। क्षेत्र में पेयजल संकट गहराने लगा है। इससे सिंहभूम कॉलेज चांडिल भी अछूता नहीं है। सरायकेला- खरसावां जिले के चांडिल स्थित वर्ष 1973 में स्थापित सिंहभूम कॉलेज में पेयजल संकट गहरा गया है। चापानल और पानी टंकी के खराब होने के कारण छात्रों को इस भीषण गर्मी में पानी पीने के लिए भटकना पड़ता है।
गर्मी के दिनों में छात्रों की समस्या का समाधान करने वाला कोई नहीं
कॉलेज में करीब सात हजार छात्र नामांकित है। कॉलेज में एक हजार लीटर का एकमात्र पानी टंकी है। जिसका पानी गर्मी में काफी गर्म हो जाता है जो पीने लायक नहीं रह जाता है। छात्रों का कहना है कि कॉलेज परिसर में पेयजल की सुविधा बहाल करने को लेकर प्राचार्य को कई बार ज्ञापन सौंपा परंतु अब तक इस दिशा में किसी तरह की पहल नही की गई।
40 साल पहले हुई थी कॉलेज की स्थापना
कॉलेज की स्थापना हुए 40 वर्ष से ज्यादा हो गया, लेकिन कॉलेज में शुद्ध पेयजल को कोई व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। चाहे छात्र संघ का चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव सिंहभूम कॉलेज चांडिल मे पेयजल का मुद्दा शामिल होता है। चुनाव जीतने के बाद यह मुद्दा मानो डस्टबिन मे चला जाता है।