आदित्यपुर : सरिता टॉकिज के सामने सर्विस लेन पर पिलर का निर्माण सीधे तौर पर दुर्घटना को दावत दे रहा है. पिलर निर्माण किसके द्वारा कराया जा रहा है, इसे लेकर जिम्मेदार अफसर खुद ऊहापोह की स्थिति में है. अधिकारी एक दूसरे पर टाल मटोल कर रहे हैं. जबकि घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में सर्विस लेन पर कंस्ट्रक्शन का कार्य खुलेआम चल रहा है. इससे आवाजाही में लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन आम लोगों की परवाह न तो आदित्यपुर नगर निगम को है, न प्रशासन को. घुमावदार रास्ता होने के कारण अक्सर यहां जाम लग जाता है. जब पिलर निर्माण हो गया तो सड़क संकीर्ण हो जाएगी और जाम की समस्या बढ़ जाएगी. जाम तो दूर दुर्घटनाएं होना भी लाजमी है. जब सर्विस लेन का निर्माण किया गया था, क्या उस समय तय था कि यहां सालों बाद पिलर बनाया जाएगा. नगर निगम के अधीन वैसे भी नक्शा विचलन के कई मामले हैं, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं होती. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यहां भी आम लोगों की जान को जोखिम में डालकर खेला किया जा रहा है. बहरहाल, पिलर निर्माण होने से क्षेत्र की जनता में रोष व्याप्त है.
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विज्ञापन के उद्देश्य से हो रहा पिलर निर्माण
कांड्रा सड़क मार्ग सर्विस लेन किनारे विज्ञापन के उद्देश्य से होर्डिंग लगाने के लिए बनाए गए पिलर कि शिकायत सरायकेला उपायुक्त अरवा राजकमल से की गई है. इस संबंध में आदित्यपुर के वरिष्ठ नागरिक संघ के अध्यक्ष सह सामाजिक वैज्ञानिक रविंद्र नाथ चौबे ने पत्र लिखकर उपायुक्त को समस्या से अवगत कराया है. शिकायत में उपायुक्त को लिखा है कि घनी आबादी वाले आदित्यपुर क्षेत्र के सर्विस लेन पर नव निर्माण किया जा रहा है. आदित्यपुर के जिन सर्विस लेन स्थानों पर पिलर की ढलाई की गई है. वहां सघन यातायात और भीड़-भाड़ हमेशा रहती है. जिसके चलते सड़क का अतिक्रमण होने के साथ सड़क पर दुर्घटना की भी आशंका बनी रहेगी. उन्होंने उपायुक्त से तुरंत निर्माण रोके जाने की मांग की है.
जिला सड़क सुरक्षा समिति के भी दिया संज्ञान
चौबे ने शिकायत पत्र के माध्यम से सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सह जिला उपायुक्त को भी सड़क सुरक्षा दृष्टिकोण से इसे गैर जरूरी करार दिया है. उन्होंने बताया कि ऐसे सरकारी होर्डिंग के लिए बनाए जा रहे पिलर को गोलचक्कर अथवा खुले स्थान पर बनाना चाहिए. इन्होंने जिला उपायुक्त के अलावा, आदित्यपुर नगर निगम के प्रशासक, पथ निर्माण विभाग के सचिव और सड़क निर्माता एजेंसी जे आर डी सी एल को भी शिकायत पत्र की प्रतिलिपि सौंपी है.
पथ निर्माण विभाग ने खड़े किए हाथ
पिलर मामले पर जब पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता गणेश राम हेंब्रम से बातचीत की गई तो, उन्होंने बताया कि सड़क रख-रखाव समेत अन्य जिम्मेदारियां जेआरडीसीएल को सौंपी गई है. लिहाजा आर डी सी एल द्वारा ही पिलर निर्माण कराया जा रहा है. इस मामले में उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
जेआरडीसीएल को भी नहीं है जानकारी, दर्ज कराएंगे मामला
सड़क किनारे विज्ञापन के लिए पिलर बनाए जाने के मुद्दे पर जब जेआरडीसीएल के अधिकारी प्रमोद सत्या से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उपायुक्त और नगर निगम के आदेश से बिना जानकारी में दिए निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि जेआरडीसीएल और ना ही पथ निर्माण विभाग को जानकारी दी गई है. प्रमोद सत्या ने बताया कि मामले को लेकर अब केस दर्ज करेंगे. उन्होंने बताया कि किस एजेंसी द्वारा यह कार्य किया जा रहा है, इसकी भी इन्हें जानकारी नहीं दी गई है. उन्होंने फिलहाल निर्माण कार्य रोके जाने का भी आदेश दिया है.
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