चाईबासा: चाईबासा सदर अस्पताल परिसर के चारों ओर बने 94 दुकानदारो के साथ सिविल सर्जन डा बुका उरॉव की अध्यक्षता भाड़ा वृद्धि और बकाया भाड़ा वसुली को लेकर बैठक हुई। इसमें करीब लगभग 50 दुकानदार ही उपस्थित हुए। सिविल सर्जन एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा सभी दुकानदारों को बढ़े बकाया दर पर भाड़ा का जल्द से जल्द भुगतान करने का निर्देश दिया। परन्तु दुकानदारो का अनुरोध था कि एकरारनामा के अनुसार ही भाड़ा वृद्धि की जाए। लेकिन उक्त दुकान का निर्माण “स्व वित्त पोषित रोजगार योजना” के अन्तर्गत सभी सरकारी प्रवाधानो को ध्यान में रखकर किया गया था।
यह सरकार द्वारा अनुदानित योजना गरीब तबके के लोगों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। दुकानदारों ने अस्पताल प्रबंधन से अनुरोध किया कि भाड़ा वृद्धि लाभ के उद्देश्य से ना कर मानवीय पहलुओं एवं एकरारनामा के अनुसार ही लिया जाए, तो सभी दुकानदार शीघ्र बकाया भाड़ा जमा करने के लिए तत्पर है। बैठक में मुख्य रूप से जितेन्द्र नाथ ओझा, सतीश पुरी, पुरुषोत्तम, विन्देशवर साह, रविन्द्र सिंह उपस्थित थे।
बैठक में अस्पताल प्रबंधन समिति, शासन और प्रशासन को ज्ञात हुआ है कि सदर अस्पताल के चारों और बने 94 दुकानों में से आधे से अधिक दुकानदारों ने नियम विरुद्ध अपने-अपने दुकानों को बेच दिया है अथवा भाड़े पर लगा दिया है जो दुकानदार वर्तमान में है उन पर भी दुकानों का भाडा बकाया है। सदर अस्पताल द्वारा निर्धारित 800 भाडा दुकानदारों द्वारा अस्पताल में जमा नहीं कराया जाता है वही 5 से 7000 और 10 _10 हजार रुपया तक में दुकानों को अवैध रूप से भाड़े पर लगाया गया है। इससे पूर्व भी यह मामला प्रकाश में आया था और इस पर काफी बवाल भी हुआ था जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष एवं सदर अस्पताल स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति के कार्यकाल में अस्पताल प्रबंधन समिति की बैठक में सदर अस्पताल में बने 94 दुकानों में से आधे से अधिक दुकानों को नियम कानून को ताक पर रखकर अवैध खरीद बिक्री किए जाने और दुकानों को ऊंची कीमत पर भाड़े पर लगाने एवं निर्धारित स्थान से दोगुना सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा ,अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कराकर अतिक्रमण किए जाने का मामला सामने आया था ।जिसके बाद अवैध रूप से दुकानों की खरीद बिक्री करने और भाड़े पर लगाने वाले एवं निर्धारित स्थान से अधिक सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। कार्रवाई के लिए प्रशासन की टीम सक्रिय भी हुई थी। मगर वैसे दुकानदारों जो गलत तरीके से दुकानों की अवैध ढंग से खरीद बिक्री कर चुके हैं और अपने दुकानों को अवैध रूप से भाड़े पर लगा रखे हैं। सदर अस्पताल को न्यूनतम निर्धारित भाड़े की राशि नहीं दे रहे हैं उन पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। अब देखना है कि वैसे दुकानदारों पर क्या कार्रवाई होती है।