पूर्वी सिंहभूम : पोटका के शंकरदा के रहने वाले पूर्व जिला परिषद करुणामय मंडल ने अपना जीवन दिव्यांगों के नाम समर्पित कर दिया है. वे दिव्यांगों को सदर अस्पताल जमशेदपुर ले जाकर उनकी दिव्यंगता की जांच कराने, प्रमाण पत्र पहुंचाने और पेंशन स्वीकृति तक निःशुल्क सेवा में लगे रहते हैं. उन्होंने अबतक एक हजार दिव्यांगों को उनका अधिकार और सम्मान दिलाने का कार्य किया है. दिव्यांगों को पेंशन स्वीकृत हो पाया है.
लड़ रहे हैं सम्मान और अधिकार की लड़ाई
ट्राई साइकिल दिलाने, व्हीलचेयर दिलाने, बैसाखी दिलाने और कस्तूरबा में नामांकन कराने का काम किया. करुणामय मंडल ने कहा कि मैं उनका दर्द सुनता हूं. जिन्हें कोई पूछता नहीं है. मैं उन्हें गले लगाता हूं, जिन्हें कोई छूता तक नहीं. दिव्यांगों को उसका सम्मान और हक की लड़ाई के लिए समर्पित कर चुके हैं.
उनकी व्यथा ने खींच लिया
आसपास के दिव्यांगों की व्यथा को देखकर उन्हें सेवा करने की इच्छा हुई. अब लगातार उनकी सेवा में लगे हुए हैं. अपने माता-पिता के नाम पर नीलदीप निःशक्त सेवा अभियान के नाम से इसकी शुरुआत की. आज अपना पूरा जीवन दिव्यांगों एवं वृद्ध के लिए समर्पित कर चुके हैं. इस अभियान में उनकी पत्नी पूर्व जिला परिषद प्रतिमा रानी मंडल और भाई चयन मंडल भी योगदान देते हैं.