जमशेदपुर : अंतिम सांसों को संजोए और जीवन जीने की उम्मीद लगाए, उस दंपति का ईद अब अधूरा नहीं रहेगी. उनके लिए फरिश्ता बनकर शहर की अग्रणी सामाजिक संस्था ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट उम्मीद का किरण बनी और पहुंच गए राहत सामग्री लेकर गरीब समीना के घर. इस कार्य में जिला पूर्वी सिंहभूम प्रशासन का भी अतुलनीय योगदान रहा है. उन्होंने 24 घंटे के अंदर गरीब परिवार का राशन कार्ड बनाया, जिससे की राशन की कमी न हो सके. ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट ने जिले के डीसी अनन्य मित्तल द्वारा की गयी इस कार्य की भूरी-भरी प्रशंसा की.
आज भूख क्या होती है यह कोई समीना खातून से पूछे
आपको बता दें समीना खातून, वह गरीब औरत है जिसकी जिंदगी में गम और दुख के सिवा शायद कुछ बचा नहीं. उनके पति नईमुद्दीन की सड़क दुर्घटना में शारीरिक विकलांगता आ गई. वे पिछले दो साल से अचेत अवस्था में हैं. वहीं समीना का कहना है कि इस दुःख भरे जीवन मे वह अकेले ही अपने पति की देखभाल करती है.
अपने संघर्ष भरे जीवन की दुःख भरी सच्चाई कहते हुए उनकी आंखें भर गई. बातों ही बातों में उन्होंने बताया कि उन्हें कोई बेटा या बेटी नहीं है. वे दोनों पति-पत्नी अकेले ही रहते हैं. समीना ने आगे बताया कि पड़ोसियों और परिजनों द्वारा दिए गए भोजन पे ही उनका जीवन चल रहा है. उनके पति नईमुद्दीन पिछले दो वर्षों से बिस्तर पर हैं.
वहीं उन्होंने बताया कि राशन कार्ड न होने के कारण सरकारी राशन से भी वंचित थी. पुराने राशन कार्ड में आधार नंबर गलत होने के कारण उन्हें पिछले एक साल से राशन नहीं मिल रहा था. उन्होंने कई बार लिखित आवेदन देकर राशन में अपडेट करवाने की कोशिश की, लेकिन किसी अधिकारी ने इसपर ध्यान नहीं दिया. (नीचे भी पढ़ें)
यहां बता दें कि ‘INSIDE JHARKHAND NEWS’ में सबसे पहले प्रकाशित इस खबर से जिला प्रशासन सकते में आ गयी और तत्काल समीना और उनके पति के लिए राशन कार्ड बनवा दिया. वहीं सामाजिक संस्थाओं की नजर भी उस दम्पति पर पड़ी.
शहर की जानी-मानी सामाजिक संस्था ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट जमशेदपुर ने रोजा और ईद के मद्देनजर उक्त दम्पति को सूखा खाद्य सामग्री और नए कपड़े दिए. मालूम हो कि संस्था की तरफ से 3 अप्रैल 2024 को एक टीम जरूरतमंद परिवार की मदद के लिए दो महीने का राशन किट, जिसमें आटा, चावल, चीनी, सरसों का तेल, रिफायन तेल, चाय मसूर दाल, चना, आलू प्याज दाल, चना, खजूर, शीरमाल शामिल है. उसे लेकर बुधवार दिन के दूसरे पहर करीब तीन बजे पहुंचे और उन्हें प्रदान किया.