पूर्वी सिंहभूम : रसूनचोपा के सारसे बुरुहातु चौक पर शहिद दुसा-जुगल की 235वीं जयंती पर शहीद दुसा-जुगल स्मारक समिति की ओर से दो दिवसीय मेला सह खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें शहिद दुसा-जुगल की मूर्ति पर माल्यार्पण व पूजा-अर्चना की गई. उनके पद चिंन्हो पर चलने का संकल्प भी लिया गया.
भूमिज विद्रोह के थे नायक
ब्रिटिश सरकार के खिलाफ भूमिज विद्रोह के नायक रहे दोनों भाइयों को भी स्वतंत्रता सेनानी घोषित करने की मांग की गई. पत्थलगड़ी को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की भी मांग उठी. मेला में विभिन्न नृत्य मंडलियों द्वारा पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित होकर नृत्य का आयोजन किया गया.
के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता
अतिथि के रूप में सिद्धेश्वर सरदार मौजूद थे. समिति के हरीश सरदार और हिमांशु सरदार ने कहा कि भूमिज विद्रोह के नायक रहे दोनों भाइयों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उनकी याद में मेला और खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करते आ रहे हैं. इस दौरान नृत्य मंडली को समिति की ओर से पुरुस्कृत भी किया गया.
इनका रहा सक्रिय योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में अभिजीत सरदार, चंद्र मोहन सरदार, विशेश्वर सरदार, जयसिंह सरदार, ग्राम प्रधान मुंशी सरदार, ग्राम प्रधान विश्वनाथ सरदार, सुरेश सरदार, संजय सरदार, सुनील सरदार, उमेश सरदार, सुनाराम सरदार, राजमोहन सरदार, तनु राम सरदार, विपिन सरदार आदि ने सक्रिय योगदान दिया.
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