* एक साल तीन महीने से नहीं मिल रहा राशन कार्ड पर चावल
* कई बार लिखित देने के बाद भी सुनने वाला कोई नहीं
* खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रत्येक माह अनाज उपलब्ध कराना है कानूनी अधिकार
* पिछले छह माह से पेंशन का भी लाभ नहीं मिल पा रहा
Potka : एक तरफ जहां सरकार द्वारा गरीब जरूरतमंद परिवार तक अनाज पहुंचने को लेकर वचनबद्ध है. वहीं, दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा अधिनियम कहता है कि प्रत्येक परिवार को अनाज मुहैया कराना कानूनी अधिकार है. इसके बावजूद समीना का परिवार पिछले एक साल तीन महीने से ज्यादा समय से अनाज से वंचित है. हालत यह है कि पिछले 6 महीना से पेंशन का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. कई बार लिखित आवेदन देने के बाद भी इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया, जिसके कारण लाचार बेवस समीना अपने लाचार पति नईममुद्दीन की सेवा करते हुए, लाचार आंखों में आंसू लिए बस एक उम्मीद की बाट जोह रही है. (नीचे भी पढ़ें)
आंसू भरी आंखों से समीना ने कहा कि 2022 में पति की सड़क दुर्घटना में घायल हो जाने से अचेत अवस्था में पिछले 2 साल से पड़े हुए हैं. वहीं मेरा एक भी बेटा-बेटी नहीं होने से आज मैं लाचारी भरी जिंदगी जी रही हूं, पड़ोसी एवं आसपास तथा परिजनों के द्वारा जो भी भोजन दिया जाता है, उसी को खाकर बस जी रही हूं. राशन कार्ड में आधार नंबर कैसे गलत चढ़ गया यह मुझे नहीं पता, मगर पति जब तक चल फिर रहे थे तो राशन कार्ड में अनाज मिल जाता था, मगर एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है. अब राशन तक नहीं मिल रहा है. कई बार लिखित आवेदन दी इसके बावजूद किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. समीना अपने पति नईमुद्दीन की सेवा में दिन-रात लगी हुई है और अपनी अंतिम सांसे गिन रही है.