JHARKHAND NEWS : झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव संजीव कुमार लाल और उनके सहायक जहांगीर आलम बेहिसाब नकदी रखने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं. अब चर्चा यह हो रही है कि कहीं ईडी की टीम मंत्री आलमगीर आलम तक तो नहीं पहुंचेगी.
करोड़ों नकदी बरामदगी के बाद आलमगीर आलम अब अलग-थलग पड़े हुए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब चाईबासा में जोबा माझी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे तब आलमगीर आलम को अलग ही रखा गया था. इसी बात का संकेत है कि आलमगीर अलग-थलग पड़े हुए हैं.
जहांगीर की सैलरी 15 हजार, मिले 32 करोड़
आलमगीर आलम के सचिव संजीव कुमार लाल के सहायक जहांगीर आलम की सैलरी 15 हजार रुपये है, लेकिन उसके आवास से छापेमारी के दौरान 32 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मिले हैं. पूछताछ में पता चला कि संजीव ने इस रुपये को जहांगीर के पास रखवाया था. यह रुपये कमीशन के थे. जहांगीर पहले एमआर का काम करता था. जहांगीर और संजीव की जान-पहचान पिछले 15 सालों की है.
संजीव के कारण जहांगीर की नजदीकियां आलमगीर से बढ़ी
पूरे प्रकरण में बताया जा रहा है कि संजीव लाल के कारण ही जहांगीर की नजदीकियां आमलगीर आलम के साथ बढ़ी थी. जहांगीर का ससुराल जामताड़ा में है. इस कारण से भी जहांगीर आलमगीर के संपर्क में है. अब आने वाले दिनों में ही पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है.