चाईबासा : चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्यालय में बना गांधी पार्क इन दिनों विवादों में है । विवादों में इसलिए है क्योंकि इस गांधी पार्क की लागत करोड़ों की है लेकिन उद्घाटन के बाद भी पार्क अधुरा है और पार्क में अबतक जो भी कार्य हुए हैं वो सब दोयम दर्जे का है । इस बीच पार्क का पिछले दिनों विजलेंस की टीम ने भी दौरा किया है । पार्क की लागत और इसमें हुए कार्य को लेकर विजिलेंस जांच कर रही है । यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हो सकता है क्योंकि करोड़ों की पार्क में गुणवत्तापूर्ण से खिलवाड़ हुआ नजर आ रहा है । पार्क में विजिलेंस की टीम के दौरे के बाद एक बार फिर से पेवर्स ब्लोक खोद कर बाहर निकाला जा रहा है । पार्क को फिर से बनाने की कवायद चल रही है ।
ठेकेदार और रेल अधिकारी आमने-सामने
पार्क में रेलवे ठेकेदार और रेल अधिकारी के बीच आये दिन बहस भी हो रही है. पार्क निर्माण को लेकर ठेकेदार और अधिकारी आमने सामने हो रहे हैं । लेकिन पार्क की तस्वीर ऐसी है की उद्घाटन के चंद महीने बाद भी पार्क अधुरा है । कथित तौर पर घोटाले की भेंट चढ़े पार्क को लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाज़ार गर्म है । ठेकेदार हो या इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी सभी अपना अपना दामन बचाने की जुग्गत में लगे हैं । चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक ने बताया की हाल ही में उद्घाटन हुआ रेलवे का गांधी पार्क अब भी अधुरा है । इस पार्क का निर्माण कार्य चल रहा है । लोगों को बेहतर से सुविधा देने के उद्देश्य से पार्क का निर्माण कार्य चल रहा है । इस पार्क में औषधीय पेड़ पौधे भी लगाने की योजना है । पार्क को एक विशेष उद्यान के रूप में बनाया जा रहा है जिसमें अभी वक्त लगेगा । पार्क की लागत कितनी है यह स्पष्ट जानकारी उनके पास नहीं है । विजिलेंस की टीम के दौरे के मामले को उन्होंने कहा की रेलवे विजिलेंस टीम समय समय पर औचक निरिक्षण करती रहती है और इस बार भी टीम का एक रूटीन विजिट था ।