जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड के रांगाटांड से घाघरा जाने वाली सड़क जर्जर हो गई है।सड़क पर साईकिल व मोटरसाईकिल से चलना काफी मुश्किल हो गया है।किसी भी वाहन को सात किमी सड़क जाने में घंटों समय लग जाता हैं। ग्रामीण इलाकों में ऐसे कई सड़के करीब दस वर्ष पूर्व बनी लेकिन विभाग कि उदासीनता के कारण जर्जर हालात में पहुंच गई हैं। ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा करीब दस वर्ष पूर्व बनी ग्रामीण सड़क जर्जर हो गई है।सड़कों में नुकीली पत्थर निकल गए हैं। पैदल व साईकिल में चलने में काफी दिक्कत होती है। चार पहिया वाहन भी काफी मुश्किल से चलते हैं।वाहनों के पंचर होने का डर नुकीली पत्थर के कारण बना रहता है। घाघरा गांव के गुणधर महतो ने बताया कि पटमदा बैंक पेंशन की राशि खाते में आने की सूचना पर जाने के क्रम में मिले । उन्होंने बताया कि सड़क इतनी जर्जर है की सात किमी. सड़क से चलकर मुख्यालय पहुंचने में घंटो लग जाता हैं।सड़क में लीकरण का नामोनिशान नहीं है।नुकीली पत्थर के कारण वाहन हिचकोले खाते किसी प्रकार गांव तक पहुंचते है।
10 सालों से सड़क निर्माण की बाट जोह रहे लोग
रांगाटांड़-घाघरा सड़क को आज से 10 सालों पूर्व बनाया गया था। सड़क बनने के बाद दोबारा इस सड़क की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया है। वर्तमान में वहां के विधायक मंगल कालिंदी हैं, लेकिन उन्होंने भी इस दिशा मे ं किसी तरह की पहल नहीं की है। इसके पहले रामचंद्र सहिस विधायक थे, लेकिन उनका भी ध्यान सड़क की तरफ नहीं गया था। आज भी गांव के लोग सड़क बनने की आस लगाए बैठे हुए हैं। आजादी के बाद सिर्फ एक बार ही सड़क बनी थी और आज उस सड़क पर साइकिल चलाना और पैदल चलना भी लोगों के लिए दूभर हो रहा है।