जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले में लगातार बारिश के कारण धान की खेती प्रभावित हो रही है। किसानों ने खेतों की जुताई तो कर ली है लेकिन, अभी भी धान के बिचड़े नहीं डाल सके हैं। पिछले कुछ सप्ताह से लगातार बारिश के कारण इस बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। किसानों के अनुसार कई दशकों बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। प्रखंड के कुछ किसान लेवा बिहन डाल रहे हैं। कुछ दिनों से कम हुई बारिश के बाद किसान खेती के कार्य में जोरदार तरीके से लग गए हैं।
खेती ही है मुख्य पेशा
पटमदा-बोड़ाम के अधिकांश किसान धान की खेती का सालो भर का घर में खाने के अनाज का जुगाड कर लेते हैं । कुछ धान बेचकर कुछ आमदनी भी होती है। आमतौर पर रोहिणी नक्षत्र के समय धान का बिचरा डालने का समय होता है। इस बार उसी अवधी में यास चक्रवात तूफान आ जाने के कारण खेतों में बिचड़ा डालना संभव नहीं हो पाया था। यास चक्रवात थमने के बाद किसान खेतों के सुखने के इंतजार कर ही रहे थे, कि उससे पहले ही मानसून ने दस्तक दे दी। लगातार बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। यही कारण है कि इस बार धान की खेती प्रभावित होने की आंशका है, लेकिन मौसम में कुछ दिनों से आई बदलाव का किसान जोरदार तरीके से लुफ्त उठा रहे हैं। जिनके खेतों में बिचड़ा तैयार है। काफी संख्या में मजदूर लगाकर धान लगाने का काम करवा रहे हैं।जिन किसानों के खेत में बिछड़ा अभी तैयार नहीं हो पाया है।वैसे किसान अपने खेतों को जोतकर तैयार करने में लग गए हैं।अभी खेतों में कुछ अलग ही नजारा है।