सरायकेला-खरसावां : जिले के चांडिल प्रखंड स्थित चांडिल डैम से सटे पहाड़ी पर आग लग गई । आग पहाड़ी में रुक-रुक कर धधकती रही। पहाड़ी के पास ही चांडिल डैम का कंट्रोल रूम था। आग का दायरा बढ़ता तो शायद कंट्रोल रूम को नुकसान पहुंच सकता था। पहाड़ी पर आग लगने से कई पेड़ पौधे जलकर नष्ट हो गए। इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा। पास ही चांडिल डैम में पानी का अकूत भंडार मौजूद था, बावजूद किसी ने पानी डालकर आग बुझाने का प्रयास नहीं किया। यह तो कुदरत की माया थी कि आग अपने आप ही कुछ घंटे बाद बुझ गया। मानो अग्नि देवता लोगों की चेतना एवं जागरूकता की परीक्षा ले रहा हो। एक तरफ बाहा बोंगा पर्व मानकर लोग प्रकृति की रक्षा करने का संकल्प ले रहे है वहीं दूसरी ओर पहाड़ियों एवं जंगलों में आग लगने से प्रकृति को भारी क्षति एवं पर्यावरण को नुकसान भी पहुंच रहा है। वन विभाग की शिथिल रवैया के कारण आग लगने की घटना में चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में करीब एक सौ हेक्टेयर में लगे जंगल को नुकसान पहुंचा है।