राजनगर : मुख्यमंत्री के गृह जिला में बिजली विभाग के पदाधिकारियों की कार्यशैली का एक नमूना देखने को मिला है. यहां पर आटा चक्की चलाने वाले उपभोक्ता के पास 18 लाख रुपये का बिजली बिल भेज दिया गया है. जहां एक ओर सरकार बिजली बिल माफी की बात करती है वहीं दूसरी ओर 18 लाख का बिजली बिल पहुंच रहा है. मामला राजनगर प्रखंड के हेंसल गांव की है.
मधुसूदन गोप के घर में महीने का बिजली बिल 18 लाख आ गया. मधुसूदन अपना बिजली बिल सुधार करवाने के लिए पिछले 10 महीनों से कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं. मधुसूदन गोप अपने घर मे ही लघु उद्योग स्थापित कर छोटा सा गेंहू पीसने वाली मशीन (आटा मशीन) लगा कर किसी प्रकार अपने परिवार का पेट पाल रहा है. उन्होंने लघु उद्योग स्थापित की. उन्होंने अपना बिजली कनेक्शन (कॉमर्शियल लाईन) ले लिया. उस वक्त उनका 5 केवी बिजली लोड थी. उस समय 3 से 5 हजार बिल आया करता था. 8 केवी लोड सप्लाई लेने पर दूसरे माह 1.59,136 का बिल आ गया.
सुधार के नाम पर सिर्फ आश्वासन
मधुसूदन गोप में बिजली बिल में सुधार के लिएब सरकार आपके द्वारा शिविर में भी गया था. पूरे 10 माह बीत गए हैं, लेकिन नतिजा ढाक के तीन पात ही निकला है.