चाईबासा : खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी डॉ मोईन अख्तर के नेतृत्व में चक्रधरपुर में जागरूकता सह प्रशिक्षण अभियान चलाया गया। इस दौरान उनके साथ राज्य की मोबाइल फ़ूड टेस्टिंग लैब की टीम भी मौजूद थी। टीम के द्वारा खाद्य पदार्थ जैसे जलेबी, रसगुल्ला, बूंदी, बर्फी, छोला, चटनी, दाल, गुपचुप, विभिन्न मसाले इत्यादि की गुणवत्ता की जांच की गयी। जाँच में चक्रधरपुर शहर के मिठाई दिकान, किराना दूकान, जनरल स्टोर, फास्ट फ़ूड की दूकान, ठेला – खोमचा इत्यादि जगह से सैम्पल लिए गए। जांच के दौरान लड्डू और जलेबी में प्रतिबंधित रंग मिलाया हुआ पाया गया। बहुत से दुकानों में रसगुल्ला और पनीर में मैदा की मिलावट भी पायी गयी। वहीँ जांच के दौरान कुछ किराना दूकान में घटिया मिलावट वाली मसलों का भी पता चला। लगभग 70 मसलों के सैम्पल को जांच किया गया जिसमें से आधे से ज्यादा FSSAI के मानक में फ़ैल पाए गए।
चेतावनी देकर छोड़ा गया
मिलावट और घटिया खाने की चीजें बेचने के मामले में जहाँ जहाँ लोग पकडाए सभी को चेतावनी देकर फिलहाल छोड़ इया गया है और गुणवत्तापूर्ण खाने की चीजें बेचने को कहा गया है। बताया गया की टीम फिर दोबारा कभी भी औचक जांच कर सकती है। दोबारा मिलावट और घटिया खाद्य सामग्री बेचते हुए पकडाए तो सभी पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जांच में रांची खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला से आये तकनीशियन टीम का अहम् रोल रहा जिनमें विपिन कुमार, सुरेन्द्र देव प्रसाद और राहुल इलेक्स एक्का शामिल थे।