जमशेदपुर : गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के पूर्व प्रधान गुरमुख सिंह मुखे शनिवार को घाघीडीह केंद्रीय कारा से जमानत पर बाहर आये। जेल से बाहर निकलने पर समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान जेल गेट में काफी संख्या में परिचितों का जमावड़ा लगा हुआ था। बता दें कि गुरमुख सिंह मुखे 13 माह से हत्या के प्रयास के साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद थे। उन पर झारखंड सिख प्रतिनिधि बोर्ड के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह बिल्ला और उसकी पत्नी की हत्या के प्रयास की साजिश रचने का आरोप है। वैसे 16 दिसंबर को ही मुखे को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी के न्यायालय से जमानत मिली थी। शुक्रवार को जमानत के आदेश की कॉपी जमशेदपुर व्यवहार को प्राप्त हुई थी। शनिवार को जमानत पत्र भरने के बाद रिहाई हो गई। इससे पहले प्रधान जिला मुख्य न्यायाधीश की अदालत से उन्हें एक पुराने मामले में जमानत भी मिली।
साजिश रचने का है आरोप
गुरमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे समेत अन्य के खिलाफ सीतारामडेरा थाना में नौ नवंबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बिल्ला की पत्नी गुरप्रीत सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। गुरप्रीत सिंह ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया गया था कि उनके पति गुरुचरण सिह बिल्ला के साथ हर दिन की तरह सीतारामडेरा गुरुद्वारा में मत्था टेकने को निकली थी, तभी बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें घेर लिया था। पति गुरुचरण सिंह पर कई राउंड फायरिंग की गई थी, जिससे उनके पति घायल हो गए थे। इसके बाद अपराधी भाग निकले थे। पति को टाटा मुख्य अस्पताल में दाखिल कराया गया था। पुलिस ने जांच की थी तो गुरमुख सिंह मुखे का नाम सामने आया था।