रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन को हत्या के मामले में हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. उच्च न्यायालय ने पौलुस सुरीन की 15 दिनों की औपबंधिक जमानत देने की याचिका को खारिज कर दिया.
पौलुस सुरीन ने अपनी भतीजे की मौत और श्राद्धकर्म के हवाले से हाईकोर्ट में जमानत की मांग की थी. उन्होंने अपनी याचिका में अदालत से जमानत देने की अपील की थी, ताकि वह परिवारिक संस्कारों में शामिल हो सकें. हालांकि, हाईकोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को सुनवाई के बाद पौलुस सुरीन की याचिका को तत्काल खारिज कर दिया.
झामुमो के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन पर वर्ष 2013 में पुलिस के मुखबिर भूषण कुमार सिंह और राम गोविंद की हत्या का आरोप है. इस मामले में अप्रैल 2024 में रांची की निचली अदालत ने पौलुस के साथ उग्रवादी जेठा कच्छप को हत्या का दोषी करार दिया था. इसके साथ ही दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई थी. पौलुस ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील भी दायर की है. इसकी सुनवाई अभी नहीं हुई है.