Saraikela : मकर संक्रांति एवं टुसू पर्व के अगले दिन अखान यात्रा के मौके पर गम्हरिया स्थित घोड़ा बाबा मंदिर में वार्षिक पूजा मेले का आयोजन किया जाता है. आज यानि, बुधवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ. इस मौके पर अहले सुबह ही लोगों की भीड़ मंदिर में घोड़ा बाबा की पूजा अर्चना करने भारी उमड़ी.
इस दौरान गम्हरिया स्थित घोड़ा बाबा मंदिर में भगवान बलराम को ग्राम देवता के रूप में पूजा की गई. मान्यता है कि वर्षों पहले क्षेत्र में भीषण महामारी फैली थी. जिसके बाद पूर्वजों ने भगवान बलराम का आह्वान किया था, और यहां उनके वाहन के रूप में घोड़े का स्थापना किया था. जिसके बाद क्षेत्र से महामारी समाप्त हुई थी. तब से लेकर आज तक परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. जिनकी मन्नते पूरी होती है, वे मिट्टी के घोड़े यहां चढ़ाते हैं. (नीचे भी पढ़ें)
इसके अलावा प्रसाद का भोग भी लगाते हैं. मान्यता के मुताबिक यहां आस्था एवं विश्वास के साथ पूजा करने से मन की मुरादें पूरी होती हैं. इस दौरान यहां की वर्षों पुरानी परंपरा एवं संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इस प्रमुख धार्मिक स्थल पर आसपास के गांवों के हजारों भक्त पूजा करने पहुंचे. इस अवसर पर प्रांगण में विशाल मेला का आयोजन भी किया गया है. मेले का काफी संख्या में लोगों ने लुत्फ उठाते है. महाभोग का आयोजन भी किया जाता है. समिति के द्वारा आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया. बताया कि मकर संक्रांति के एक दिन बाद इस पूजा का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है.