सरायकेला : जिले के गम्हरिया में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और स्थानीय प्रशासन की ओर से बाल मजदूरी के खिलाफ़ जागरूकता और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के तहत आदित्यपुर में छापेमारी कर दो बच्चों को रेस्क्यू किया गया. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अधिकारियों ने बताया कि बाल मजदूरी कानून के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम करवाना अपराध है.
लोगों को जागरूक करने की कवायद
पहली बार पकड़े जाने पर मालिक को 50,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ सजा भी दी जाती है. अभियान के तहत न सिर्फ बाल मजदूरी रोकने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि पब्लिक और माता-पिता को इस कानून के प्रति जागरूक किया जा रहा है. माता-पिता को बताया जा रहा है कि बच्चों से श्रम करवाना उनके अधिकारों का हनन है और यह कानूनन दंडनीय है. अभियान में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के साथ डालसा (डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी), युवा संस्थाएं और स्थानीय पुलिस शामिल है. चिन्हित स्थानों पर छापेमारी की जाती है और बाल मजदूरी में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जाती है.
बाल मजदूरी पर अधिकारियों को दें जानकारी
आदित्यपुर में छापेमारी के दौरान दो बच्चे काम करते पकड़ाए. बच्चों को बचाने के बाद उनके माता-पिता को बुलाया गया और उन्हें कानून की जानकारी दी गई. रेस्क्यू किए गए बच्चों को चाइल्ड प्रोटेक्शन केयर के तहत मदद दी जाएगी. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने बताया कि यह अभियान आदित्यपुर, चौका, चांडिल और कपाली जैसे इलाकों में लगातार जारी रहेगा. टीम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराना और उनके बेहतर भविष्य के लिए काम करना है. अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी बाल मजदूरी होती दिखे, तो तुरंत इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दें. यह बच्चों के भविष्य और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.