घाटशिला : संथाली छात्र की ओर से मंगलवार को फूल्डूंगरी चौक में झारखंड के कुछ शिक्षा अधिकारियों का पुतला दहन किया गया. पुतला दहन का उद्देश्य इन अधिकारियों के द्वारा क्षेत्रीय भाषा ओलचिकी लिपी का विरोध जताया गया है, जिससे वे नाराज हैं. जिनका पुतला जलाया गया उनमें जेसीईआरटी के किरण कुमारी पासी, बाके बिहारी सिंह, के. रवि कुमार, प्रदिप कुमार चौबे, मसौदी टुडू शामिल हैं. विद्यार्थियों ने कहा कि संताली भाषा की ओलचिकी लिपी का उक्त अधिकारी विरोध क्यों कर रहे हैं. इनका झारखंड में रहकर झारखंड की भाषा का विरोध करने का मतलब साफ है कि वह हम सब का विरोध कर रहे हैं, जो हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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अधिकारियों का झारखंड से भगाया जाएगा
छात्र नेता सुदाम हेम्ब्रम का कहना है कक्षा एक से कक्षा पांचवी तक संताली भाषा ओलचिकी लिपि में अनुवाद करने का कार्य दिया गया था, जिसमें जेसीईआरटी के पदाधिकारियों ने ओलचिकी लिपि को खारिज करते हुए पुनः देवनागरी लिपि से कार्य किया. जबकि झारखंड सरकार ने कक्षा एक से पांचवीं तक ओलचिकी लिपि में छापने की आदेश दिया थे. हम अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने देंगे. अगर ऐसा ही रहा तो अधिकारियों का विरोध करेंगे और उन्हें झारखंड से भगाया जाएगा.
ओलचिकी लिपी में काम नहीं करना तो इस्तीफा दें
आदिवासी छात्र संघ के युवा नेता दांदू माण्डी ने कहा कि झारखंड के क्षेत्रीय भाषा संताली ओलचिकी लिपि के साथ सौतेला व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेंगे. झारखंड सरकार के आदेश अनुसार कक्षा एक से पांचवीं तक के किताबों में संताली भाषा ओलचिकी लिपि से नहीं छापी जाएगी तो हम सब इसका जोरदार विरोध करेंगे, जिसके जिम्मेदार जेसीईआरटी के उपरोक्त अधिकारी ही होंगे. आदिवासी छात्र संघ के जिलाध्यक्ष सुपाई सोरेन ने कहा कि सरकार के आदेश अनुसार झारखंड के कर्मचारी को काम करना चाहिए. अगर काम नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
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