जमशेदपुर।
स्वर्णऱेखा नदी को स्वच्छ करने को लेकर जिला के उपायुक्त विजया जाधव काफी सजग है। इसको लेकर उपायुक्त ने पहल शुरु कर दिया है। उसी क्रम में नदी के पानी की स्वच्छता बनाये रखने हेतु प्रशासनिक इंतजामों पर विस्तृत चर्चा को लेकर बुधवार को उपायुक्त विजया जाधव ने संबंधित पदाधिकारियों एवं अन्य स्टेक होल्डर के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक की ।
गंदे पानी को ट्रीटमेंट के बाद ही छोड़े जाने का निर्देश
उपायुक्त ने प्रदूषण बोर्ड को नदी के जल में उद्योग से होने वाले प्रदूषण को लेकर एक विस्तृत सर्वे रिपोर्ट बनाकर समर्पित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने तीनों नगर निकाय क्षेत्र से नदी में गिरने वाले नालों के गंदे पानी को ट्रीटमेंट के बाद ही छोड़े जाने का निर्देश दिया गया । उपायुक्त ने सभी नगर निकाय को निर्देश देते हुए कहा हैं कि नदी के पानी में नालों से प्लास्टिक, कपड़े या अन्य सॉलिड वेस्ट बहकर नहीं जाएं इस पर विशेषरुप से ध्यान ऱखा जाए।तथा एसटीपी पर विशेष रूप से फोकस करने तथा सभी नालों में जाली लगाकर सॉलिड वेस्ट को अलग करने का निर्देश दिया गया ।
वहीं खैरबनी में निर्माणाधीन कचड़ा डंपिंग यार्ड की प्रगति की भी जानकारी ली गई। उपायुक्त ने खैरबानी में बन रहे डंपिग यार्ड देरी होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने इस पर जेएनएसी विशेष पदाधिकारी को जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा है जिसमे कब तक खैरबनी में डंपिंग शुरू हो सकेगा, किन कारणों से देरी हो रही है ।
एनजीटी ने लिया संज्ञान लिया
स्वर्णरेखा नदी के जल में उद्योग व अन्य स्रोतों से होने वाले प्रदूषण पर एनजीटी द्वारा संज्ञान लिया गया हैं। इसको लेकर उपायुक्त विजया जाधव ने चाणक्यपुरी एवं श्यामनगर स्थित स्वर्णरेखा नदी के घाट का निरीक्षण किया था। नालों के पानी के साथ प्लास्टिक या अन्य कचड़ा बहकर नदी में नहीं जाए इसके लिए नालों पर लोहे का जाली लगाने के निर्देश उपायुक्त ने दिए हैं। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नालों का गंदा पानी गिरकर पानी को प्रदूषित कर रहे हैं, इससे जलीय जीव जंतु के अस्तित्व पर खतरा होने के साथ-साथ नदी में नहाने या कपड़ा आदि धोने के लिए जाने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर भी खतरा है। यही नहीं इस दौरान उपायुक्त द्वारा दोमुहानी स्थित डंपिग यार्ड का भी निरीक्षण किया गया। डंपिंग यार्ड को खैरबनी में शिफ्ट करने की योजना पर जिला प्रशासन द्वारा कार्य किया जा रहा है ।
ऐ थे मौजूद
बैठक में एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, निदेशक डीआरडीए सौरभ सिन्हा, प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारी, तीनों नगर निकाय के प्रतिनिधि, जुस्को, टाटा मोटर्स व अन्य स्टेक होल्डर मौजद रहे।