जमशेदपुर।
झारखंड सरकार के सरकार के द्रारा नगरपालिका के चुनाव को लेकर सरकार के फैसले को राजनितीक बयान बाजी तेज हो गई है।
नगर पालिका चुनाव पर जमशेदपुर (पूर्वी) के विधायक सरयू राय ने कहा है कि नगरपालिका चुनावों के साथ सरकार साजिश कर रही
है।
नगर निकायों का चुनाव रोकने की कोशिश संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है।
सरकार के एक मंत्री अपने परिवार के लाभ के लिए मुख्यमंत्री पर दबाव डालकर या चिरौरी-मिन्नत कर इस संबंध में नजायज काम
करवा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार के पास 48 नगर निकायों का चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा था जिसपर सरकार को राज्यपाल से
अनुमोदन प्राप्त करना था।
परंतु एक साजिश के तहत सरकार नेे 48 में से केवल 46 नगर निकायों में ही चुनाव कराने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा, जिसपर
राज्यपाल का अनुमोदन भी प्राप्त हो गया।
आश्चर्य है कि निर्वाचन आयोग से चुनाव कराने का प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद भी राज्य सरकार ने मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर
परिषद का चुनाव कराने का प्रस्ताव राज्यपाल के पास अनुमोदनार्थ नहीं भेजा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसका कारण बताना चाहिए कि मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद का चुनाव कराने का प्रस्ताव
उन्होंने राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए क्यों नहीं भेजा? कौन सी ऐसी परिस्थिति आ गयी कि मानगो और जुगसलाई के निकायों में
चुनाव नहीं कराना राज्य सरकारी ने उचित समझा। जबकि राज्य निर्वाचन आयोग ने जिन 48 नगर निकायों में चुनाव कराने का प्रस्ताव
राज्यपाल को अनुमोदन प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार को भेजा था। क्या राज्य सरकार के एक मंत्री अपनी पत्नी को और अपने भाई
को इन निकायों से चुनाव लड़ाना चाह रहे थे? परंतु जिला प्रशासन के प्रयास के बावजुद इनका नाम मानगो नगर निगम की निर्वाचन सूची
में प्रकाशित नहीं हो पाया? इस कारण ये लोग न तो वहाँ से चुनाव लड़ सकते थे और न ही मतदान कर सकते थे। इसलिए मुख्यमंत्री पर
दबाव डालकर या मुख्यमंत्री की चिरौरी-मिन्नत करके इन्होंने राज्य निर्वाचन आयोग से भेजी गयी 48 निकायों में निर्वाचन कराने वाली
सूची में से मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद का नाम हटवा दिया। नतीजतन राज्य सरकार ने राज्यपाल के पास केवल 46
नगर निकायों के नाम ही चुनाव कराने का प्रस्ताव भेजा जो अनुमोदिन हो गया। राज्य की सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री एक मंत्री के
परिवारवाद को प्रोत्साहित एवं लाभांवित करने के लिए संविधान के प्रावधानों का इस तरह गला घोंटेंगे यह सपने में भी नहीं सोचा जा
सकता। मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर परिषद का चुनाव कराने की राज्य निर्वाचन
आयोग की सिफारिश को किस कारण से उन्होंने अनुमोदन के लिए राज्यपाल को नहीं भेजा और इन दोनों क्षेत्रों के मतदाताओं के
मतदान के अधिकार पर गला घोंटने का कार्य किया।