जमशेदपुर : झारखंड राज्य के आंदोलनकारी सेनानी की ओर से मंगलवार को चाईबासा परिसदन में पूर्व विधायक देवेंद्र नाथ चांपिया की अध्यक्षता में कोल्हान प्रमंडल स्तरीय एक बैठक संपन्न हुई । बैठक में वर्तमान झारखंड सरकार की क्रियाकलाप एवं झारखंड आंदोलनकारियों की प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर समीक्षा की गई । बैठक में वर्तमान झारखंड सरकार द्वारा झारखंड आंदोलनकारी चिन्हित करण आयोग का पुनर्गठन करने की निर्णय को सर्वसम्मति से स्वागत करते हुए मांग की गई की पूर्व में बनी 2012 की मंत्रिमंडल द्वारा संकल्प प्रस्ताव को संशोधन कर आयोग के अतिरिक्त प्रमंडलीय स्तरीय 5 सदस्य आयोग का पुनर्गठन किया जाना चाहिए । बैठक में यह भी प्रस्ताव लिया गया की जिस तरह आसाम समझौता 1979 गोरखालैंड समझौता 1988 बोडोलैंड समझौता 1993 के तर्ज पर झारखंड आंदोलनकारियों के साथ झारखंड सरकार का भी लिखित समझौता होना जरूरी है। इसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावे गृह मंत्रालय के सचिव समझौता वार्ता में उपस्थिति होना अनिवार्य होगा । झारखंड आंदोलनकारी सेनानियों ने सरकार से मांग की है की चिन्हित आयोग के साथ वनांचल शब्दों को नहीं जोड़ा जाना चाहिए । आंदोलनकारी चिन्हित करण के लिए आयोग का सहयोगी के रुप में जिला स्तरीय उप समिति का भी गठन किया जाना चाहिए । इसमें झारखंड आंदोलनकारी घटक दल जैसे झारखंड पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, हुल झारखंड पार्टी, बिरसा सेवादल, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन एवं झारखंड पीपुल्स पार्टी के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए । आंदोलनकारी सेनानियों ने यह भी मांग रखी कि झारखंड आंदोलनकारी सेनानियों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जाना चाहिए ना कि केवल जेल जाने वालों को पेंशन देना चाहिए । सभी आंदोलनकारी एक समान सबको मिलना चाहिए पेंशन ।
बैठक में ये थे मौजूद
बैठक में देवेंद्र नाथ चंपिया के अलावे आजसू के संस्थापक पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा, पंकज मंडल, दामू बांद्रा, आसमान सुंडी, वीर सिंह हेमरोम, केपी सेठ सोए एवं कोकिल केसरी मुख्य रूप से उपस्थित थे।