चरणजीत सिंह,
जमशेदपुर
सतगुरु नानक प्रगट्या मिटी धुंध जग चानण होया…। संसार को मानवता का संदेश देने वाले सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी का 553वां आगमन दिहाड़ा (प्रकाश पर्व ) मंगलवार को दुनिया में हर्षोल्लास व श्रद्धाभाव के साथ मनाया जायेगा. लौहनगरी के सिखों ने भी बाबा नानक देव जी प्रकाश पर्व की तैयारियां कर ली है. सोमवार शाम तक कोल्हान के 34 गुरुद्वारों को रौशनी से नहला दिया गया है. कोरोना काल के बाद प्रकाश पर्व का उत्साह संगत में देखते ही बन रहा है. जमशेदपुर को मिनी पंजाब कहा जाता है, ऐसे में यहां भी सिख समाज में खासा उत्साह है और तैयारियां को अंतिम रूप देने में देर रात तक गुरुद्वारा कमेटी के प्रतिनिधि संगत के साथ लगे रहें. प्रकाश पर्व को लेकर मंगलवार सुबह जुगसालई गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा से श्री सुबह 11 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहेब की अगुवाई में विशाल नगर कीर्तन निकलेगा. यह आयोजन इसलिए भी खास हो गया है की गौरीशंकर रोड गुरुद्वारा के सौ वर्ष पूरे हो गए हैं. प्रधान अमरजीत सिंह गांधी ने बताया की 1918 में गुरुद्वारा की स्थापना हुई थी. तब गुरुद्वारा के पहले प्रधान सरदार साहेब सिंह थे. वे जुगसलाई नगर पालिका के वाइस प्रेसिडेंट भी थे. करीब 40 सालों तक वह गुरुद्वारा के प्रधान रहे. तब गुरूद्वारे को माता गंगा जी ने जमीन दान की थी. उनकी कोई औलाद नहीं थी. उसके बाद गुरुद्वारा का निर्माण किया गया था. यहां के पहले प्रधान साहेब को अंग्रेजों ने सरदार साहेब का सर्टिफिकेट भी दिया था. तब से आजतक गुरुद्वारा में इलाका वासी श्रद्धा भाव से नतमस्तक होते आये हैं. सिखों के अलावा दूसरे समाज के लोग भी सेवा भाव में बढ़चढ़ कर सहयोग करते हैं. सौ साल पूरे होने पर गुरुद्वारा का आधुनिक तरीके से जीर्णोद्धार किया गया है जो संगत को सुपुर्द भी किया जायेगा. मौके पर कई जन प्रतिनिधि आमंत्रित किये गए हैं.
तख्त पटना साहेब से गठित पांच सदस्यीय कमेटी की देखरेख में निकलेगा नगर कीर्तन, शाम पांच बजे साकची गुरुद्वारा में होगी समाप्ति
इस मौक़े पर पहली बार तख्त पटना साहेब से गठित पांच सदस्यीय कमेटी की देखरेख में नगर कीर्तन निकाला जायेगा. नगर कीर्तन की अगुवाई हर बार की तरह श्री गोबिंद सिंह साहेब से बनाये गए पंज प्यारे करेंगे, जिसकी भूमिका जमशेदपुर धर्म प्रचार कमेटी अकाली दल के प्रतिनिधि निभाएंगे. नगर कीर्तन में सबसे आगे दो घुड़ सवार, कोलकाता बैंड की 21 मंडली टीम, सिख मार्शल आर्ट (गतका) का प्रदर्शन करते हुए सिख युवा संगत में पंजाबी कल्चर के प्रति जोश भरेंगे, जो आकर्षण का केंद्र होगा. उसके पीछे गुरुद्वारा के धार्मिक मिडिल व हाई स्कूल के बच्चे रहेंगे. नगर कीर्तन के बीच में सिखों के हाजर नाजर गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहेब में फूलों से सुसज्जित पालकी साहेब में विराजमान होंगे, जिसके सामने सिखों के साथ साथ लौहनगरी के लोग नतमस्तक होंगे. उनके पीछे सिख स्त्री सत्संग सभा की बीबीयों का जत्था कीर्तन गायन कारते चलेगा. नौजवान सभा के जत्थे सबसे पीछे रहेंगे. नगर कीर्तन में शामिल लोग संसार को मानस की जात सभे एके पहचानबो का संदेश देंगे.
इन मार्गों से गुजरेगा नगर कीर्तन, 8 किमी का रूट करेगा तय
जुगसलाई से निकलकर नगर कीर्तन का साकची गुरुद्वारा तक का रूट करीब 8 किमी का होगा. करीब ढाई किमी तक नगर कीर्तन की लंबाई होगी. गौरीशंकर गुरुद्वारा के पहले सुरती चौक से फाटक तक रेड कलर की कारपेट बिछाई गई है, जिसके ऊपर से पालकी साहेब गुजरेगी. इसके अलावा वोल्टास, रीगल गोलचक्कर, जुस्को ऑफिस, स्टेट माइल रोड, क़ीनन स्टेडियम साकची होकर गुरुद्वारा जाकर शाम पांच बजे समाप्ति होगी. जिन मार्गों से नगर कीर्तन गुजरेगा वहां रास्ते में 60 से ज्यादा तोरणद्वार बनाये गए हैं जो नगर कीर्तन की शोभा बढ़ाएंगे. संगत व स्कूली बच्चों की सुविधा के लिए फाटक, क़ीनन स्टेडियम, बागे जमशेद के पास जेएनएसी की ओर से शौचालय बनाये गए हैं. विभिन्न संगठनों द्वारा शिविर लगाकर चाय पानी, मिष्टान आदि की सेवा की तैयारियां की गई हैं.
11 को साकची गुरुद्वारा में सजेगा सेंट्रल दीवान
इस बार 11 नवंबर को साकची गुरुद्वारा में सेंट्रल दीवान आयोजित किया जायेगा. पांच मेंबरी कमेटी ने इसकी भी तैयारियां कर ली हैं. नगर कीर्तन में बेहतर करने वालों को पुरुस्कृत भी किया जायेगा. इसके लिए सुखविंदर सिंह, करनैल सिंह, डॉ बलबीर सिंह, हरदीप सिंह और जसवंत सिंह जज की भूमिका निभाएंगे.
शाम को होगी आकर्षक आतिशबाजी
नगर कीर्तन के दौरान आतिशबाजी करने पर पांच मेंबरी कमेटी ने रोक लगाई है. साथ ही बाइक से स्टंट करने, हथियारों का प्रदर्शन भी नहीं किया जायेगा. शाम को नगर कीर्तन की समाप्ति के दौरान साकची गुरुद्वारा में विशेष आतिशबाजी की जाएगी. वैसे विभिन्न गुरुद्वारों में भी कमेटीयों ने आतिशबाजी की व्यवस्था कर रखी है.