Chaibasa : बीते चार जनवरी को नक्सली हमले में बाल बाल बचे मनोहरपुर के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक 18 दिनों के बाद अपने घर से बाहर निकले और खौफ की कैद जिंदगी से आजाद हुए। जी हाँ मनोहरपुर के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक अपने घर में ही कैद रहे 18 दिनों तक। गुरुचरण नायक ने कहा की वे पूर्व विधायक हैं और जनसेवा के लिए उन्हें बाहर आना ही है। फिलहाल यह भी बता दें की गुरुचरण नायक पर हुए हमले के बाद उनके बॉडीगार्ड में कमी कर दी गयी है। अब मात्र एक ही सुरक्षाकर्मी गुरुचरण नायक को दी गयी है।
भाजपा के नेता कार्यकर्ता खुश नजर आये
18 दिनों बाद सोनुआ निवास स्थल से निकलकर चक्रधरपुर पहुँचने पर सभी ने पूर्व विधायक गुरुचरण नायक से मुलाक़ात की और उनसे उनका हालचाल लिया। गुरुचरण नायक को फिर से अपने पास पाकर उनके समर्थक और भाजपा के नेता कार्यकर्ता काफी खुश नजर आये। गुरुचरण नायक ने कहा की जिस जगह घटना हुई वह उनके घर के पास का ईलाका है। वहां वे रोजाना आना जाना करते हैं। वहां हुए नक्सली हमले की उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। वे बड़ी मुश्किल से इस हमले में बच कर निकल पाए थे, लेकिन अफ़सोस की उनकी सुरक्षा में दो जवानों ने अपनी आहुति दे दी।
शहीद अंगरक्षक के परिवार ने लगाये थे आरोप
गुरुचरण नायक ने अपने ऊपर लगे उस आरोप का भी जवाब दिया की उन्होंने जवानों की रक्षा नहीं की। उन्होंने कहा की मैं निहत्था आदमी हथियार से लैस नक्सलियों का कैसे सामना करता, नक्सली जान लेने पर उतारू थे। वे किसी की नहीं सुन रहे थे। हथियार से लैस जवान नक्सलियों का सामना कर रहे थे. निहत्था होने के कारण उन्होंने बचते बचाते छुपकर मौके से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई थी। गुरुचरण नायक ने कहा की शहीद के परिजन गुस्से में आकर आरोप लगा रहे हैं लेकिन जब वे वास्तविकता और अपने वीर जवान की वीरता को समझेंगे तो यह आरोप नहीं लगायेंगे।