जमशेदपुर : झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती के मौके पर नमन करते हुए कहा कि विश्व के इतिहास में उनका बलिदान अनूठा है। धर्म की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने कुर्बानी दी। वे शांत, निर्भिक, सहनशील, मधुर और अधिक स्वभाव के थे। अपनी मधुरता से ही विरोधी विचारधारा को परास्त किया। गुरुजी के अनुसार धर्म का पथ क्षमा सहनशीलता एकता भाईचारा का होना चाहिए। उनका जीवन पथ प्रदर्शक का है। आदि ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ में गुरुओं, भक्तों, भाटो, सूफी संतो की बानी समाहित है जो राष्ट्र की एकता अखंडता पंथनिरपेक्षता का उदाहरण है। वे स्थानीय महिला महाविद्यालय द्वारा वर्चुअल तरीके से आयोजित राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता सह पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रही थीं। उनके अनुसार गुरु ग्रंथ साहिब वर्ण, धर्म, जाति, क्षेत्र की परंपरा से युक्त होते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों का उदाहरण है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई देते हुए कहा कि इस कोविड-19 के दौर में योग पद्धति ने मनोबल को बढ़ाने का काम किया है।
प्राणों की आहूति देकर राष्ट्र को सीचा: अर्जुन मुंडा
बतौर मुख्य अतिथि जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि गुरुजी ने अपने प्राणों की आहुति के बल पर भारत को महान राष्ट्र के रूप में सींचा है। उन्होंने दिल्ली के चांदनी चौक शीशगंज शहादत स्थल का जिक्र करते हुए कहा कि सभी को उस स्थल पर जाना चाहिए। जहां हमें अपने गौरवशाली इतिहास को स्मरण और अलंकृत करने का मौका मिलता है। उन्होंने गुरु जी को त्याग तपस्या बलिदान की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि भारत के गौरवशाली परंपरा में सिख गुरुओं की परंपरा शामिल है। गुरु जी ने धर्म पर होने वाले अत्याचार का विरोध करते हुए शहादत प्राप्त की जबकि वे तलवार एवं शास्त्र के धनी थे। लेकिन धर्म की आजादी और लोकतांत्रिक मूल्य तथा मानवाधिकार के लिए बलिदान दिया है। उनके अनुसार सर्वधर्म समभाव में ही धर्मनिरपेक्षता का भाव है और श्री गुरु तेग बहादुर जी के श्रेष्ठ विचारों को अलंकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के अनुसार ही वे चलते हैं।
इन्होंने रखे विचार
इस समारोह में तख्त श्री हरिमंदिर जी साहब पटना के उपाध्यक्ष इंदरजीत सिंह, अमृतसर के प्रोफेसर दिलबाग सिंह, न्यूजीलैंड के डॉ. तरसेम लाल टांगरी, खालसा क्लब के ट्रस्टी गुरुदयाल सिंह, पत्रकार कुलविंदर सिंह ने भी अपने विचार रखे। कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर शुक्ला मोहंती ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता तथा आयोजन के संबंध में जानकारी दी। ज्ञानी गुरदीप सिंह ने कीर्तन तथा संगीत विभागाध्यक्ष डॉ सनातन दीप देश भक्ति गीत का गायन किया। इसका संचालन एमबीए विभाग की डॉक्टर श्वेता प्रसाद तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग की डॉ नूपुर अन्विता मिंज ने किया। महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य डॉक्टर शुक्ला मोहंती ने सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके आयोजन में महाविद्यालय के तकनीकी स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही। इस निबंध प्रतियोगिता में तकरीबन 900 से ज्यादा प्रतिभागी शामिल हुए। हिंदी लेखन प्रतियोगिता में जमशेदपुर महिला महाविद्यालय की मनीषा लोहार एवं मोनिका महतो पहले एवं दूसरे तथा बरियातू टीचर ट्रेनिंग कॉलेज की कुमारी अनुप्रभा तीसरे तथा शीतल सिधू चौथी एवं सरायकेला की बहरीन पूर्ति पांचवें स्थान पर रहे। अंग्रेजी माध्यम में जमशेदपुर महिला महाविद्यालय की रवीना खोसला पहले, रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन के संदीप सिंह दूसरे, गिरिडीह कॉलेज की पूजा सलूजा तीसरे तथा बरियातू टीचर ट्रेनिंग कॉलेज की अंकिता महतो चौथे एवं इफ्फत साजिया पांचवें स्थान पर रहे।