खेल डेस्क।
भारतीय फुटबॉलरों की युवा ब्रिगेड को विकसित करने की हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की प्रतिबद्धता को प्रतिस्पर्धी टीमों ने इस सीजन में पूरा किया। इन टीमों ने इस सीजन में 100 से अधिक अंडर-23 खिलाड़ियों को मैदान पर उतारा और उन्हें मैच टाइम दिया, जिनमें से 47 फुटबॉलरों ने अपने क्लबों के लिए कम से कम 10 मैचों में शिरकत की। इस सप्ताह के अंत में ग्रैंड फाइनल खेला जाने वाला है और उससे पहले भारतीय फुटबॉल प्रशंसकों को 32 नवोदित खिलाड़ियों की प्रतिभा के दर्शन हुए, जो सीजन शुरू होने के समय 23 या उससे कम उम्र के थे। इनके अलावा ऐसे अंडर-23 खिलाड़ियों की एक लंबी सूची है, जो इस सीजन में अपनी टीमों पर छाप छोड़ गए हैं।
उभरते हुए भारतीय हीरोज के इस समूह में से शिवशक्ति नारायणन, लिस्टन कोलाको, सुरेश वांगजाम, आशीष राय और रोशन नौरेम जैसे युवा खिलाड़ी बेंगलुरू एफसी और एटीके मोहन बागान के लिए शनिवार, 18 मार्च को फाइनल में खेलेंगे। ये सभी सीजन में अपनी टीमों की सफलता का अभिन्न हिस्सा रहे हैं।
बहुत ही प्रतिस्पर्धात्मक सीजन की शुरुआत के बाद से, आईएसएल के नए प्रारूप और इसके आकर्षक शेड्यूल ने टीमों को शीर्ष स्तर पर अपने युवाओं को आगे बढ़ाने के भरपूर अवसर प्रदान किए हैं।
नए प्रारूप ने छह टीमों को इस सीजन में हीरो आईएसएल के प्लेऑफ चरण में पहुंचाया है। इस फॉर्मेट से टीमों में टूर्नामेंट के अंतिम चरण में जगह बनाने के लिए पहले से कहीं अधिक भूख थी। इसने युवा भारतीय सितारों को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने के अवसर दिए क्योंकि टीमों ने आगे बढ़ने के लिए उनका भरपूर इस्तेमाल किया। प्लेऑफ में भी यह सच रहा है, 20 वर्षीय विबिन मोहनन (केरला ब्लास्टर्स एफसी) और 19 वर्षीय लालरिनलियाना हनामते (एटीके मोहन बागान) जैसे युवा खिलाड़ियों को टूर्नामेंट के सबसे महत्वपूर्ण चरण में उनकी टीमों ने मैदान पर उतारा। मुम्बई सिटी एफसी और बेंगलुरू एफसी के बीच सेमीफाइनल के दूसरे चरण में वांगजाम भी सडेन-डेथ और पेनल्टी लाइन-अप का हिस्सा थे, जबकि नारायणन ने उस मैच में ओपन प्ले से अपनी टीम के एकमात्र गोल में सहायता प्रदान की थी।
लीग पहले से कहीं अधिक तेज-तर्रार और प्रतिस्पर्धी हुई है और इस सीजन में युवा भारतीय खिलाड़ियों के विकास ने लीग को रोमांचक स्तर पर पहुंचा दिया। सभी टीमों ने अपनी अकादमी से होनहार युवाओं को फर्स्ट टीम में पदोन्नत किया और साथ ही देश भर में अपने स्काउटिंग नेटवर्क के माध्यम से प्रतिभाओं को आकर्षित किया। चेन्नइयन एफसी के जितेश्वर सिंह ऐसे ही एक खिलाड़ी है, जिन्होंने लीग चरण में टीम के 20 मुकाबलों में से 16 मैच खेले।
आयुष देव छेत्री ने इस सीजन में एफसी गोवा के लिए 19 वर्षीय युवा फुटबॉलर के रूप में डेब्यू किया और टीम की ओर से सभी 20 लीग मैचों में खेले। ऐसा करने वाले वह एकमात्र अंडर-23 भारतीय खिलाड़ी बने। ईस्ट बंगाल एफसी सेंटर-बैक लालचुंगनुंगा का प्रदर्शन अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण था। उन्होंने 21 साल की उम्र में क्लब के लिए डेब्यू करने के बाद 19 मैच खेले थे और वह लीग चरण के दौरान क्लीयरेंस करने वाले डिफेंडरों की सूची में दूसरे स्थान पर रहे।
पार्थिब गोगोई (18 मैच) और एमिल बेनी (16 मैच, दोनों नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी), सौरव मंडल (13 मैच) और ब्राइस मिरांडा (12 मैच, दोनों केरला ब्लास्टर्स) ऐसे अन्य युवा खिलाड़ी रहे, जो इस सीजन में डेब्यू करने के बाद अपनी टीम का नियमित हिस्सा बने। ये सभी इस सीजन में अपनी टीम के आधे से अधिक मैचों में खेलने वाले नौ अंडर-23 खिलाड़ियों में शामिल थे।
उभरते हुए भारतीय खिलाड़ियों के पास हीरो आईएसएल के इस सीजन में शीर्ष स्तर पर खेलने के पहले से कहीं अधिक अवसर थे और अगले दशक में जो कुछ भी होने वाला है, उसकी उत्साहपूर्ण झलक प्रदान की।