रांची : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की उपस्थिति में आज राजभवन रांची में हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया. मौके पर झारखंड में निवासरत हिमाचल प्रदेश के नागरिकगण उपस्थित थे. राज्यपाल ने समारोह में सभी को हिमाचल प्रदेश स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी.
नैसर्गिक सुंदरता और आध्यात्मिक विरासत
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल न केवल अपनी नैसर्गिक सुंदरता और आध्यात्मिक विरासत के लिए जाना जाता है, बल्कि यह राज्य वीरता, सेवा और राष्ट्रनिष्ठा की भावना से भी ओतप्रोत है. हिमाचल प्रदेश केवल ‘देवभूमि’ ही नहीं, बल्कि ऐसी भूमि है जहां की सरल, कर्मठ और राष्ट्रनिष्ठ जनता ने भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में अनुकरणीय भूमिका निभाई है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, स्वच्छता, हरित ऊर्जा और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में हिमाचल ने महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की है. पर्यटन की दृष्टि से भी हिमाचल प्रदेश अब वैश्विक मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है.
जैविक कृषि केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास
पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश को ‘हरित राज्य’ और ‘जैविक कृषि केंद्र’ के रूप में विकसित करने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं, जो सतत विकास और पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल है. ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ पहल के अंतर्गत इस प्रकार के आयोजन आपसी समरसता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा राष्ट्रीय एकता की भावना को और सुदृढ़ करते हैं.
साझा सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा
मौके पर स्वागत भाषण देते हुए राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी ने कहा कि राजभवन द्वारा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान के अंतर्गत विभिन्न राज्यों का स्थापना दिवस मनाया जाता है. इससे राष्ट्रीय एकता, सौहार्द और साझा सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलता है. हिमाचल प्रदेश को प्राकृतिक व सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बताते हुए उसे पर्यटकों के लिए एक अनुपम स्थल कहा.