Arun kumar
ईचागढ़ : शिक्षा विभाग का अजब कारनामा देखने को मिल रहा है. नया स्कूल भवन बनने से पहले ही दरक रहा है. छत भी झुंक गई है. दो मंजिला स्कूल भवन का संवेदक द्वारा अभी विद्यालय को हस्तांतरित भी नहीं किया गया है और नव-निर्मित जर्जर भवन का घटिया निर्माण कार्य को छुपाने के लिए फिर से 19 लाख का आवंटन झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल द्वारा किया गया है. जी हां ताजा मामला सरायकेला खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के अनुग्रह नारायण प्लस टू उच्च विद्यालय पिलीद का है. जहां करीब 3 साल पहले 5-5 कमरे का दो मंजिला स्कूल भवन का निर्माण समेकित जनजाति विकास अभिकरण सरायकेला की ओर से 44 लाख की लागत से किया है. उक्त भवन का शिलान्यास तत्कालीन विधायक साधुचरण महतो द्वारा किया गया था. भवन निर्माण के साथ ही दीवारों मे दरार पड़ गया है. जमीन उखड़ रहा है। छत भी झुंक गया है.
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बच्चों को पढ़ाना खतरे से खाली नहीं
आपको बता दें कि विद्यालय का नया भवन आज तक विद्यालय प्रबंधन समिति को हस्तांतरित भी नहीं किया गया है और आश्चर्य की बात ये है कि नव-निर्मित भवन का मरम्मती के लिए झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल द्वारा फिर से 19 लाख का आवंटन किया गया है. क्या शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी नहीं है, या तो फिर संवेदक द्वारा किया गया घटिया निर्माण कार्य को लीपापोती कर छुपाने के लिए राशि आवंटित किया गया है. ये लोगों के जेहन में उतर नहीं रहा है. विद्यालय के प्रधानाचार्य मिस मिताली एवं शिक्षकों के द्वारा नया भवन का निरीक्षण किया गया, जहां बच्चों को बैठाकर पढ़ाना खतरे से खाली नहीं है. दो मंजिला भवन का निर्माण 44 लाख की लागत से किया गया है और मरम्मती के नाम पर फिर 19 लाख मंजूरी किया गया है. कहीं न कहीं लुट खसोट का नियत से प्राक्कलन बनाया गया है. वहीं समाज सेवी दिलीप कुमार दास ने बताया कि जितनी राशि से भवन बनाया गया, उसके आधा राशि मरम्मती के लिए दिया गया है, जो जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि भवन हस्तांतरण से पहले ही जर्जर हो चुका है, तो फिर से मरम्मती कैसे कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस पर उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा.
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