ईचागढ़ : सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र का टीकर-रांगामाटी सड़क बनने के बाद बारिश का एक भी सीजन नहीं झेल पाई. सड़क बने छह महीने ही हुआ है और सड़क पर हर जगह बड़े बड़े गड्ढे बन गये हैं. देखने से लगता है मानों यह पांच साल पुरानी जर्जर सड़क हो. इस बीच सड़क पर उभर आये गड्ढों में पानी भर जाने के बाद अक्सर भारी वाहनें दुर्घटना का शिकार हो रही है.
दो महीने में पलट चुके हैं 5 ट्रक
टीकर से रांगामाटी सड़क पर दो महीने के अंदर 5 ट्रक पलट चुका है. इससे वाहन मालिकों का लाखों का घाटा हो रहा है. गढ्ढे में अक्सर भारी वाहनों का पत्ती टूटना और सड़क जाम लगना तो आम बात हो गयी है.
टीकर पुल का भी हाल-बेहाल
इतना ही नहीं टीकर में करकरी नदी पर बने पुल के ऊपर चढ़ा पिच भी उखड़ गया है. इससे ईचागढ़ क्षेत्र का सबसे पहला व पुराना पुल के ऊपर भी गढ्ढा बन रहा है. इससे पुल भी क्षतिग्रस्त हो रहा है. समय रहते टीकर-रांगामाटी सड़क और टीकर पुल की मरम्मत नहीं की जाती है तो सड़क में आवागमन करना खतरे से कम नहीं है.
सड़क की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
इधर, 6 महीने में सड़क का गढ्ढे में तब्दील होने से सड़क की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं. इस सड़क का करीब 9 करोड़ की लागत से निर्माण किया गया था. इस पर दिन-रात सैकड़ों चार पहिया वाहनें चलती है. रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो धनबाद और जमशेदपुर जैसे शहरों में जाने का इस क्षेत्र का यह इकलौता सड़क है.
सांसद से होगी शिकायत
सांसद प्रतिनिधि विश्वनाथ उरांव का कहना है कि टीकर-रांगामाटी सड़क की मात्र 6 महीने में इस तरह की बदहाली उसके घटिया निर्माण कार्य को दिखाता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले की शिकायत सांसद संजय सेठ से किया जाएगा. सड़क की मरम्मत के साथ घटिया निर्माण करनेवाले संवेदक पर कार्रवाई की मांग की जाएगी.