Home » एमजीएम अस्पताल में इलाज कराना है तो दवाई बाहर से खरीदें
एमजीएम अस्पताल में इलाज कराना है तो दवाई बाहर से खरीदें
झारखंड के स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता के विधानसभा में स्थित कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में सांप काटने की दवाई नहीं है. अगर आपको इस अस्पताल में इलाज कराना है तो दवाई बाहर से ही लेनी पड़ेगी. अन्यथा दवाई के अभाव में रोगी की भी जान जा सकती है. इस तरह की घटनायें आए दिन देखने के मिल रहे हैं.
जमशेदपुर : एमजीएम को कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल का दर्जा दिया गया है. इस अस्पताल में अगर आपको इलाज करानी है तो दवाई बाहर से खरीदनी पड़ेगा. अगर दवाई बाहर से नहीं खरीदते हैं तो रोगी की मौत भी हो सकती है. कुछ इसी तरह का एक मामला सोमवार की देर रात एमजीएम अस्पताल में आया था. रात के डेढ़ बजे रोगी को भर्ती कराया गया था. अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि दवाई बाहर से लेकर आयें. सुबह जबतक दवाई की दुकान खुलती उसके पहले ही रोगी की मौत हो चुकी थी. अब कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है.
आयुष्मान कार्ड की बात करें तो सभी दवाइयां भी नहीं मिल पाती है. कुछ दवाइयां ही अस्पताल से दी जाती है. आयुष्मान कार्ड लेकर गरीब अस्पताल में भर्ती तो होते हैं, लेकिन उन्हें दवाइयां बाहर से ही खरीदनी पड़ती है.
करोड़ों का खर्च लेकिन दवाई की सुविधा नहीं
एमजीएम अस्पताल के पीछे सरकार की ओर से सालाना करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होनेवाले रोगी की दवाई तक की सुविधा नहीं मिल पाती है. आयुष्मान कार्ड तो सिर्फ नाम के लिये ही है. रोगी तो यही कहते हैं कि जब अस्पताल है तो सभी तरह की सुविधायें क्यों नहीं है.
कोल्हान के गरीबों की परेशानी बढ़ी
एमजीएम अस्पताल में कोल्हान भर से गरीब लोग इलाज कराने के लिये पहुंचते हैं. पैसेवाले लोग तो बाहर निजी अस्पताल मेंभी इलाज करवा सकते हैं, लेकिन गरीब के पास तो एमजीएम के अलावा और कोई दूसरा चारा ही नहीं है.
इसी विधानसभा के हैं राज्य के स्वास्थ्यमंत्री
राज्य के स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता की बात करें तो वे इसी विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने के बाद मंत्री बने हैं. उनके रहते भी अस्पताल में किसी तरह का परिवर्तन नहीं आ रहा है. कहने को तो हजारों करोड़ रुपये से भवन बन रही है, लेकिन अस्पताल में दवाई की सुविधा तक गरीब रोगियों को नहीं मिल रही है.
अस्पताल के सुपरीटेंडेंट ने क्या कहा
एमजीएम अस्पताल के सुपरीटेंडेंट रवींद्र कुमार सिंह का कहना है कि अस्पताल में सांप के डसने वाले दो रोगी को भर्ती कराया गया था. इसमें से एक की मौत हो गयी है. उसे एनटी वेनम की दो खुराक की गयी थी. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विरंची महतो का बेटा झूठ बोल रहा है कि उसे बाहर से दवाई लाने के लिये कहा गया था. दवाई वहीं लाने के कारण उसकी मौत हुई है.