सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में दो दिनों से चल रहे विशु सेंदरा पर्व को देखते सेंदरा वीरों ने हिरण, सुअर समेत अन्य जीव-जंतुओं का शिकार किया. इस दौरान वन विभाग ने सुरक्षा को लेकर पुख्ता तैयारी की थी. साथ ही, विभागीय पदाधिकारी सेंदरा पर्व के दौरान काफी सतर्कता भी बरतते नजर आए. बावजूद इसके विभागीय अधिकारी जीव-जंतुओं का शिकार करने से रोकने में नाकाम रहे.
सदियों से चला आ रहा परंपरा
इस बीच दलमा क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के लोग जंगल में डेरा-डालकर शिकार करते नजर आए. सेंदरा वीरों ने बताया कि यह परंपरा सदियों से चला आ रहा है. उनके पूर्वजों के काल से चला आ रहा है. इसे बरकरार रखने के लिए सेंदरा वीर हाथ में तीर धनुष, सहित अन्य पारंपरिक हथियार लेकर यहां शिकार करने पहुंचे थे.
चलता रहा लुका-छुपी का खेल
इस दौरान जीव-जंतुओं का शिकार न हो, इसे लेकर वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी. बीती रात से ही जंगल में पेट्रोलिंग किया जा रहा था. सोमवार की सुबह भी सेंचुरी के अंदर गाड़ी से पेट्रोलिंग चलता रहा. दूसरी ओर, सेंदरा वीरों के साथ उनकी लुका-छुपी का खेल भी चलता रहा और सेंदरा वीरों ने चोरी छुपे वन्य जीवजंतु का शिकार किया और निकल गए.
वन विभाग का मानना है-नहीं हुआ शिकार
इधर वन विभाग का मानना है शिकरी जंगल में प्रवेश जरूर किये, लेकिन इस दौरान शिकार नही हुआ है. दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के रेंजर दिनेश चंद्र ने बताया कि शिकार पर्व पारंपरिक तरीके से मनाया गया है, लेकिन किसी भी वन्य प्राणी के शिकार होने की सूचना प्राप्त नहीं है. उन्होंने बताया कि लोगों में अब जागरूकता आई है और लोग केवल परंपरा निर्वहन मात्र शिकार पर वह में शामिल होकर जंगल पहुंचते हैं.
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