Ashok Kumar
जमशेदपुर : शहर में रामनवमी जुलूस को लेकर हुये विवाद पर राजनीतिक दल के नेता एक-दूसरे पर अपना ठिकरा फोड़ रहे हैं. कोई भी घटना की जिम्मेवारी नहीं ले रहा है. मामले में डीसी विजया जाधव ने भी साफ कर दिया है कि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखकर ही डीजे और ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाया गया था.
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आखिर किसके भड़काने में जुगसलाई में हुआ था विवाद
शहर में तीसरे दिन आज भी इस बात की चर्चा लोग कर रहे हैं कि आखिर किसके भड़काने पर जुगसलाई में विवाद उत्पन्न हुआ था. गनिमत है कि पुलिस सूचना पर सतर्क हो गयी और मामले को समय रहते सुलझा लिया, अन्यथा मामला और बड़ा हो सकता था.
बयानबाजी भर सीमित हैं नेता
जुगसलाई में विवाद के बाद शहर के नेता सिर्फ एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी ही कर रहे हैं. उन्होंने इस दिशा में पहल क्यों नहीं की. यह बात लोग पूछ रहे हैं. लोगों का कहना है कि नेता जी हैं तो उनका काम ही बयानबाजी करने का है.
कहीं राजनीति करनेवाले नेता की छवि और तो नहीं बिगड़ गयी
पूरे मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि जिस नेता की ओर से राजनीति की गयी थी उनकी छवि बनने के बजाये कहीं और तो नहीं बिगड़ गयी है. आखिर जुलूस नहीं निकालने की घोषणा कर दिये जाने के बाद भी शहर में कैसे अन्य क्षेत्रों से जुलूस निकालने का काम किया गया. इससे यह भी साफ हो गया है कि अखाड़ा कमेटी के लोग खुद ही फैसला लेने के लिये सक्षम हैं. वे किसी के कहने पर नहीं जाने वाले हैं.
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