रांची : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले झारखंड विधानसभा के समक्ष आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन का नेतृत्व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड डी राजा ने किया. सभा की अध्यक्षता एटक के महासचिव अशोक यादव ने की. संचालन जिला सचिव अजय कुमार सिंह ने किया. झारखंड के 24 जिले से 2 दिन पहले से ही हजारों की संख्या में ट्रेन में लदकर अपनी मांगों के समर्थन में झारखंड के गरीब गुरबा हेमंत सोरेन से खाने के लिए रांची आए. आक्रोषपूर्ण प्रदर्शन लंबे कतारों के साथ शहीद मैदान से गगनभेदी नारों के साथ विधानसभा के समक्ष गए लोगों को संबोधित करते हुए महासचिव कॉमरेड डी राजा ने कहा कि झारखंड कॉर्पोरेट घराने का हब बनता जा रहा है.
झारखंड की खनिज संपदा का दोहन
झारखंड के जल, जंगल और जमीन की लूट के लिए कॉर्पोरेट घराने के लोग बेताब हैं. केंद्र और राज्य की सरकार दोनों मिलकर झारखंड की खनिज संपदा को दोहन करने में लगी हुई है. झारखंड बनने के बाद भी बाबा भीमराव अंबेडकर और जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा झारखंड विधानसभा में नहीं है. झारखंड बनने के बाद भी आज तक ना तो स्थानीय नीति बनी और ना ही नियोजन नीति. राज्य में सारे मिनरल्स हैं. खदानें कॉरपोरेट हाउसों को दिया जा रहा है. सरकार के पास ना तो विस्थापन आयोग है ना ही विस्थापन नीति पूर्व की सरकार ने भूमि बैंक बनकर घर में जरा जमीन की रसीद को बंद कर दिया.
घोषणा पत्र को भी पूरा नहीं की सरकार
हेमंत सोरेन की सरकार ने जनता से वादा कर पूरा नहीं कर सकी. इसलिए जनता से किए गए वादे को झारखंड सरकार पूरा करें. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि राज्य सरकार बरसों से चल रही है. अपने घोषणा पत्र में जो जनता से वादा किया उसे अभी तक पूरा नहीं कर सकी है. झारखंड लूटखंड में बनता जा रहा है. झारखंड के खनिज संपदा बड़े पैमाने पर लूटा जा रहा है. झारखंड के जमीन पर कॉर्पोरेट घराने की नजर है.
विस में लगे अंबेडकर व जयपाल सिंह की प्रतीमा
कई महीनों से हजारीबाग के गोंदलपूरा में आंदोलन चल रहा है. लगातार अदानी प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं. वही चतरा जिला के सिंगपुर कठौतिया रेलवे लाइन के सवाल पर भी कई महीनों से लड़ाई चल रही है. पाठक ने कहा झारखंड सरकार अविलंब जनता से किए गए वादे को पूरा करें. दलित अधिकार मंच के प्रदेश अध्यक्ष भंते जैनेंद्र कुमार ने कहा की झारखंड विधानसभा में बाबा भीमराव अंबेडकर और जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा स्थापित करे. राज्य में अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन अभी तक नहीं होना अनुसूचित जाति का अपमान है. अनुसूचित जनजाति का आयोग अविलंब बनाया जाए.
मजदूरों को 26000 रुपये मिले न्यूनतम मजदूरी
पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि जनता से किए गए वादे को सरकार पूरी करे. राष्ट्रीय परिषद के सदस्य पीके पांडे ने मजदूरों से संबंधित ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा की सरकार असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को 26000 रुपये न्यूनतम मजदूरी निर्धारण करें. सभा को लखनलाल महतो, एके रशीदी, अनिरुद्ध कुमार, पशुपतिकोल, कन्हाई माल पहाड़िया, रुचिर तिवारी, गणेश सिंह, कृष्णा मेहता, अनिरुद्ध कुमार, डॉ मिथिलेश डांगी, महादेव राम, रामस्वरूप पासवान, दीप नारायण यादव, शंभू माहली, सोनिया देवी, महादेव राम, अर्जुन यादव, बनवारी साहू, अर्जुन कुमार, चंद्रभानु प्रताप, संतोष कुमार रजक, चंदेश्वर सिंह, जितेंद्र सिंह, रुचिर कुमार तिवारी, रामजी शाह, निहारिका देवी, अर्जुन यादव, नीमन यादव ने सभी को संबोधित किया. झारखंड आंदोलनकारी साथियों को 50,000 प्रतिमाह सम्मान पेंशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी और 10% आरक्षण देने की मांग की गई.