रेल खबऱ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केएसआर बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर मैसुरु और पुरट्चि तलैवर डॉ. एमजीआर चेन्नई
सेंट्रल के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह देश में शुरू हुई पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस है और दक्षिण भारत की पहली ऐसी ट्रेन है।
प्रधानमंत्री ने आज केएसआर रेलवे स्टेशन, बेंगलुरु में भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन को भी झंडी दिखाकर रवाना किया।
‘मेक इन इंडिया’ की सफलता की कहानी के एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में, भारतीय रेलवे ने भारत की पहली स्वदेशी
सेमी-हाई स्पीड ट्रेन- वंदे भारत एक्सप्रेस लॉन्च की थी।
प्रधानमंत्री ने 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली में पहली वंदे भारत ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया था, जो नई
दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर चलती है।
इसके अलावा, वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें नई दिल्ली-माता वैष्णो देवी कटरा, गांधीनगर राजधानी-अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल
और अम्ब अंदौरा-नई दिल्ली मार्गों पर शुरू की गई हैं।
यह नई ट्रेन औद्योगिक केंद्र चेन्नई और तकनीकी-सॉफ्टवेयर-स्टार्टअप हब बेंगलुरु और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन शहर मैसुरु के बीच संपर्क को बढ़ाएगी। इससे मैसुरु-बेंगलुरू-चेन्नई मार्ग पर यात्रा करने वाले नियमित यात्रियों के अलावा सॉफ्टवेयर और व्यावसायिक पेशेवरों, प्रौद्योगिकीविदों, पर्यटकों, छात्रों को लाभ होगा। यह एयरलाइन जैसा आराम प्रदान करेगा और रेल यात्रा के अनुभव को पुनः परिभाषित करेगा
मैसुरु-चेन्नई वंदे भारत एक्सप्रेस का समय
रेलगाड़ी संख्या 20607 एमजीआर चेन्नई सेंट्रल स्टेशन का मैसुरु के लिए किराया चेयर कार के लिए 1200 रुपये और एक्जीक्यूटिव क्लास के लिए 2295 रुपये है। रेलगाड़ी संख्या 20608 मैसुरु से एमजीआर चेन्नई सेंट्रल स्टेशन का किराया चेयर कार के लिए 1365 रुपये और एक्जीक्यूटिव क्लास के लिए 2485 रुपये है।
उपरोक्त वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों में कोई रियायत और बाल किराया स्वीकार्य नहीं होगा। केवल पूर्ण किराया वाले वयस्क टिकट जारी किए जाएंगे। बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड आदि के लिए अन्य नियम और शर्तें शताब्दी ट्रेनों के अनुसार होंगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस की विशेषताएं
यह आधुनिक सुविधाओं से युक्त विश्व स्तरीय ट्रेन है। इस ट्रेन की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
– यह ट्रेन परिचालन में बेहतर सुरक्षा के लिए कवच (ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) से लैस है।
– प्रत्येक कोच में चार आपातकालीन खिड़कियों के साथ बेहतर सुरक्षा। कोच के बाहर चार प्लेटफॉर्म साइड कैमरे लगे हैं जिनमें रियर व्यू कैमरे भी शामिल हैं।
– सभी विद्युत कक्षों और शौचालयों में एरोसोल आधारित आग का पता लगाने और अग्नि शमन प्रणाली के साथ बेहतर अग्नि सुरक्षा उपाय।
– 650 मिमी की ऊंचाई तक बाढ़ का सामना करने के लिए अंडर-स्लंग बिजली के उपकरणों के लिए बेहतर बाढ़ प्रूफिंग। ट्रेन में बिजली गुल होने की स्थिति में हर कोच में चार इमरजेंसी लाइट भी होंगी।
– 3.5 यात्रा सूचकांक पर यात्रियों के लिए बेहतर आरामदायक सफर। यह ट्रेन 32 इंच के एलसीडी टीवी और यात्री सूचना तथा संचार प्रणाली से भी लैस है।
– सभी श्रेणियों के लिए साइड रिक्लाइनर सीट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। एक्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त सुविधा है।
– स्पर्श मुक्त सुविधाओं के साथ बायो वैक्यूम शौचालय और मांग पर वाई-फाई सामग्री उपलब्ध कराने की सुविधा।
– हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के लिए अल्ट्रा वायलेट (यूवी) लैंप के साथ उच्च दक्षता वाले कंप्रेसर के माध्यम से बेहतर हीट वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग नियंत्रण।
– ट्रेन 140 सेकेंड में 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने में सक्षम है। वॉयस रिकॉर्डिंग सुविधा के साथ चालक गार्ड संचार की सुविधा होगी।
– वे साइड स्टेशनों के साथ सिग्नल के आदान-प्रदान के लिए कोचों पर दो सिग्नल एक्सचेंज लाइट।
वंदे भारत ट्रेन, जिसे इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, पेरंबूर, चेन्नई में स्वदेशी रूप से निर्मित किया गया है – भारतीय इंजीनियरों की क्षमता और मेक इन इंडिया पहल की पराकाष्ठा का प्रमाण है। यह माननीय प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भर भारत विजन को साकार करने की दिशा में अति महत्वपूर्ण है।
बेंगलुरु – वाराणसी भारत गौरव काशी दर्शन
बेंगलुरु से काशी के लिए भारत गौरव ट्रेन भी शुरू की गई है जो सर्व-समावेशी पैकेज में आरामदायक और सुविधाजनक रेल यात्रा, बोर्डिंग, ठहरने और दर्शन की सुविधा प्रदान करेगी। यह ट्रेन हुबली, बेलगावी से भी गुजरेगी, जिससे न केवल बेंगलुरु के श्रद्धालु बल्कि उत्तरी कर्नाटक के उन लोगों को भी लाभ होगा जो काशी की यात्रा करना चाहते हैं। यह ट्रेन प्रयागराज और अयोध्या से भी गुजरेगी।
भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन का एक कोच
यात्रा की लागत 20,000 रुपये है, जिसमें से 5000 रुपये राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में प्रदान किए जाते हैं। पहली ट्रेन यात्रा में लगभग 600 तीर्थयात्री होंगे; तीर्थयात्री काशी के अलावा अयोध्या और प्रयागराज भी जाएंगे।
भारत गौरव ट्रेनों (थीम आधारित पर्यटक सर्किट ट्रेनों) के माध्यम से भारत गौरव ट्रेन चलाने का उद्देश्य भारत और दुनिया के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार ऐतिहासिक स्थलों का दर्शन कराना है।
नीति का संक्षिप्त विवरण
– भारतीय रेलवे का लक्ष्य भारत की विशाल पर्यटक क्षमता का दोहन करने के लिए थीम-आधारित ट्रेनें चलाने के लिए पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मुख्य ताकत का लाभ उठाना है।
– इस नीति के तहत, पंजीकृत सेवा प्रदाताओं को भारत गौरव ट्रेनों के संचालन के लिए भारतीय रेलवे (आईआर) द्वारा “उपयोग करने का अधिकार” मॉडल के तहत आईसीएफ कोचों से युक्त रेक की पेशकश की जाएगी। सेवा प्रदाताओं के पास एनआरसी (गैर-रेलवे ग्राहक) योजना के माध्यम से सीधे उत्पादन इकाइयों से नए कोच की खरीद का विकल्प भी होगा।
– सेवा प्रदाता के पास इस मॉडल से जुड़े विषयों, मार्गों, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ और अन्य विशेषताओं सहित व्यवसाय मॉडल को तय करने का विकल्प होगा।