चाईबासा।
दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में ना सिर्फ माल ढुलाई से राजस्व में बढ़ोत्तरी हो रही है
बल्कि रेल टिकट जांच व अन्य श्रोतों से भी मंडल ने राजस्व अर्जन करने में अपने पुराने रिकोर्ड तोड़ दिए हैं।
चक्रधरपुर रेल मंडल ने इस वित्तीय वर्ष के अबतक के सात महीने में रेल टिकट जांच से कुल 11,08,55,050 रूपये का राजस्व अर्जित किया है
जबकि इसी अवधि में पिछले वित्तीय वर्ष में मंडल ने 4,86,12,555 रुपये का राजस्व अर्जन किया था।
सात महीने में 128.04% की अप्रत्याशित वृद्धि इस साल देखने को मिली है। हालाँकि इस साल रेल मंडल को कुल 30 करोड़ रुपये के राजस्व अर्जन का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए मंडल ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन 30 करोड़ रुपये का आंकड़ा प्राप्त करना मंडल के लिए चुनौती जरुर बना हुआ है। पिछले साल की तुलना में इस वित्तीय वर्ष के सात महीनों में रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई है. इस साल सात महीनों में 91.90 लाख यात्रियों ने मंडल में सफ़र किया है जबकि इसी अवधि में पिछले साल 47.16 लाख यात्रियों ने सफ़र किया था जो की इस साल 94.86% की बढ़ोत्तरी भी है।
इसके अलावे रेल मंडल ने केटरिंग, किराया रहित राजस्व, पे एंड यूज टॉयलेट, पार्किंग आदि से 4,21,56,113 रुपये की कमाई की है. जबकि रेलवे ने इन वर्गों में रेल मंडल को पुरे वित्तीय वर्ष में कुल 7.5 करोड़ रूपये के राजस्व अर्जन का लक्ष्य दिया है. चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक ने कहा है की टिकट चेकिंग में 30 करोड़ का लक्ष्य है जिसे पूरा करने के लिए पूरा जोर मंडल के द्वारा लगाया जा रहा है।
लक्ष्य कठिन जरुर है लेकिन उन्होंने 21 करोड़ से ज्यादा के राजस्व अर्जन करने की उम्मीद जताई है. टिकट चेकिंग के अलावे अन्य श्रोतों से 7.5 करोड़ रुपये के राजस्व अर्जन का लक्ष्य मंडल द्वारा प्राप्त कर लिए जाने की उन्होंने पूरी उम्मीद जताई है. सीनियर डीसीएम ने बताया की इस साल कई सारी समस्याओं का सामना करते हुए भी चक्रधरपुर रेल मंडल ने राजस्व अर्जन में हर संभव मजबूत प्रयास किया है. फलस्वरूप पहले से बेहतर प्रदर्शन राजस्व अर्जन में नजर आ रहा है.