रेल खबर।
भारतीय रेल की यात्रा करना रोमांचकारी से कम नही होता है।यही नहीं भारतीय रेल का वर्षो पुराना समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है जो ने केवल इतिहाल के पन्नो में दर्ज हैं। बल्कि इसकी विरासत को सहेज के रखा गया हैं। भारतीय रेल के चार विश्व धरोहर स्थल हैं जिन्हें UNESCO द्वारा मान्यता प्रदान की गई हैं। इन वर्ल्ड हेरिटेज साइट में कालका –शिमला रेलवे ,दार्जिलिंग – हिमालयन रेलवे, नीलगिरी माउटेंन रेलवे, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन शामिल हैं ।
इसे भी पढ़ें –Indian Railway : यात्री ट्रेन के अंतिम डिब्बे पर क्यों होता है बड़ा X का निशान, रेल मंत्रालय ने दी जानकारी
कालका –शिमला रेल
कालका- शिमला रेलवे के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत पहाड़ों में स्थित इस रेल लाईन में चलने वाली टॉय ट्रेन देश –विदेश के प्रर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। यह टॉय ट्रेन यात्रियों को खुबसूरत वादियों का दिदार करवाती हैं। इस टॉय ट्रेन का सफर तब और रोमांचक हो जाता हैं जब राजधानी शिमला बर्फ का सफेद चादर से ढक जाती हैं।वही चिड़ और देवदार की पत्तियों पर पड़ी बर्फ इस सफर को और आनन्द दायक बना देता हैं। यही नही इसके रास्ते में पड़ने वाली सुरगों और छोटी –बड़ी पुलों से गुजरती ट्रेन यात्रियों को रोमांच से भर देती हैं। वर्ष 2008 में इस रेललाइन को UNESCO ने विश्व धरोहर घोषित किया गया हैं।
दार्जिलिंग – हिमालयन रेलवे
दार्जिलिंग – हिमालयन रेलवे पश्छिम बंगाल के नैसर्गिक प्राकृतिक सौदर्य के बीच स्थित हैं।ट़ॉय ट्रेन के बीच कुदरती नजारों का आनंन्द उठाना और भी लुभावना और रोमांचकारी हो जाता हैं। न्यूजलापाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलने वाली यह टॉय ट्रेन खूबसूरत वादियों के मनोरम वादियों के दिदार कराती हैं। इस यात्रा के रास्ते में हिमालय पर्वत के श्रृखलांओ के भव्य दृश्य देखने को मिलते हैं। इसकी स्थापना 1879 से 1881 के बीच हुई थी। और इस रेल लाईन को UNESCO ने 2 दिसबंर 1999 को विश्व धरोहर घोषित किया था।
इसे भी पढ़ें –Indian Railway: तेजस के रैक से चलेगी भुवनेश्वर -नई दिल्ली राजधानी
नीलगिरी माउटेंन रेलवे
यहां चलने वाली टॉय ट्रेन सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक मेट्टुपालेयम और ऊटी के बीच चलती हैं। जिसके रास्तों मे खूबसूरत पहाड़ों के नजारे देखने को मिलते हैं।यही नहीं चाय – क़ॉफी के बगान और खूबसूरत झड़ने के दृश्य भी यात्रियों के सफर को यादगार बनाते हैं। इस रेल लाईन की स्थानपना वर्ष 1891-1899 के बीच हुई थी। और इस रेल लाईन को UNESCO वर्ष 2005 में विश्व धरोहर घोषित किया था।
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन
महाराष्ट्र में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन अपने अनोखे लूक के कारण विश्व भऱ मे प्रसिद्ध है। इसका आर्किटेज इतना भव्य़ हैं कि यह पर्यटकों के लिए आकर्षक का केन्द्र बना हुआ हैं। इस टर्मिनस को वर्ष 2004 में UNESCO ने विश्व धरोहर घोषित किया हैं। भारतीय रेल इसके हेरिटेज लूक को बरकारर रखते हुए इसका पुननिर्माण करने जा रही हैं। इसे देश का अत्याधुनिक, भव्य़ और वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाया जाएगा। जहां देखने को मिलेगा हैरिटेज और आधुनिकता का बेजौड़ संगम देखने का मिलगा।
इसे भी पढ़ें –Indian Railway : देश में बिजली संकट को टालने के लिए कोयले के परिवहन को लेकर भारतीय रेलवे की बड़ी पहल
भायखला स्टेशन
महाराष्ट्र में स्थित देश के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक भायखला रेलवे स्टेशन को हाल ही में वैश्विक पहचान मिली हैं। पिछले तीन वर्षों में इस स्टेशन के संरक्षण और सौदर्यीकरण के लिए यूनेस्को का एशिया पैसिफिक कल्चरल हेरिटेज कंजर्वेशन अवार्ड ऑफ मेरिट मिला है।