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IPS प्रभाकर चौधरी का 8 साल में 18 बार हुआ ट्रांसफर
उत्तर प्रदेश अंबेडकरनगर के रहनेवाले आइपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी की पहचान सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है. पिछले 8 साल के करियर में उनका 18 बार ट्रांसफर हो चुका है. बावजूद उनके काम में किसी तरह का परिवर्तन नहीं आया है. अंडरएसपी, एएसपी, एसपी और एसएसपी के रूप में वे काम कर चुके हैं. 30 जुलाई तक वे बरेली के एसएसपी थे, लेकिन वहां पर कावड़ियों पर लाठीचार्ज की घटना के बाद उनका एक बार फिर से ट्रांसफर कर दिया. अब उन्हें लखनऊ का सेनानायक बनाया गया है.
उत्तर प्रदेश : बरेली में गैर पारंपारिक सड़क से कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर उठे विवाद के बाद लाठीचार्ज करवाने के बाद महज आधे घंटे में ही कानून-व्यवस्था को आइपीएस प्रभाकर चौधरी की ओर से बहाल कर दिया गया था, लेकिन उसके मात्र 4 घंटे के बाद ही उनका ट्रांसफर ऑर्डर आ गया. इस बार उन्हें 32वीं वाहिनी पीएसी में सेनानायक के रूप में पोस्टिंग की गयी है. यह उनका पिछले 8 सालों के करियर में 18वीं बार ट्रांसफर किया गया है.
प्रभाकर चौधरी को उत्तर प्रदेश में कौन नहीं जानता है. उनकी कार्यशैली के लोग कायल हैं. भले ही बड़ी घटना होने के बाद उनका ट्रांसफर दूसरे जिले में कर दिया जाता है, लेकिन प्रभाकर चौधरी पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता है.
2010 बैच के हैं प्रभाकर चौधरी
आइपीएस प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के हैं. उत्तर प्रदेश अंबेडकर नगर के रहनेवाले हैं. ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहल् पोस्टिंग नोएडा में अंडरटेकिंग एएसपी के रूप में की गयी थी. इसके बाद एएसपी के रूप में यूपी के आगरा में मौका मिला. इसके बाद जौनपुर, वाराणसी और कानपुर में सिटी एसपी बनाया गया.
2015 में बनाए गए एसपी
आइपीएस प्रभाकर चौधरी को जनवरी 2015 में पहली बार यूपी के ही ललितपुर जिले का एसपी बनाया गया. यहां पर वे 11 माह तक एसपी रहे. इसके बाद इंटेलिजेंस मुख्यालय भेजा गया. 2016 में देवरिया जिले का एसपी बनाया गया. इसके बाद बलिया का. बलिया में वे 2 माह तक रहे. बलिया के बाद कानपुर का एसपी बनाया गया. कानपुर से 5 माह में ही ट्रांसफर कर एटीएस भेजा गया. 2017 सितंबर तक वे एटीएस में रहे. उसके बाद बिजनौर जिले का एसपी बनाया गया. बिजनौर में 6 माह तक रहे. बिजनौर के बाद मथुरा का एसपी बनाया गया.
मथुरा में व्यापारियों ने करवाया ट्रांसफर
मथुरा में प्रभाकर चौधरी ने जब अपनी कमान संभाली थी तब सालों पुरानी लूट की घटना का उद्भेदन हुआ था. यहां पर उन्होंने व्यापारियों के अवैध धंधे पर नकेल कसना शुरू कर दिया था. ठीक 3 माह में ही उनका ट्रांसफर कर दिया.
सीतारामपुर में 6 माह में ट्रांसफर
प्रभाकर चौधरी जब सीताराम थाने में 2018 में थे तब उनके कार्यकाल में ही एक थाने में वकीलों ने घुसकर उपद्रव किया था. तब उन्होंने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पर ही लूट का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था. इसके बाद उनका ट्रांसफर बुलंदशहर में 9 दिसंबर 2018 को कर दिया गया था. दो माह के बाद उन्हें झांसी जीआरपी से भी ट्रांसफर कर दिया गया. 2019 में सोनभ्रद का एसपी, दो माह बाद वाराणसी के एसएसपी बनाए गये. 7 जुलाई 2020 को मुरादाबाद का एसएसपी. 14 जून 2021 को मेरठ का एसएसपी. मेरठ में वे एक साल तक रहे. 25 जून तक मेरठ के एसएसपी रहे. इसके बाद आगरा में वे 28 नवंबर 2022 तक एसएसपी रहे. 12 मार्च 2023 को बरेली का एसएसपी बनाया गया. यहां पर वे 30 जुलाई 2023 तक एसएसपी रहे और अब ट्रांसफर सेनानायक के रूप में कर दिया गया है.