आंध्र प्रदेश(श्रीहरिकोटा)।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 7 अगस्त 2022 को नए राकेट की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की है। यह लॉन्चिंग रविवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के Launch Pad-1 से की गई है। स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Small Satellite Launch Vehicle – SSLV) में EOS02 और AzaadiSAT सैटेलाइट्स भेजे गए हैं। इसरो (ISRO) की ये लॉन्चिंग सफल रही. रॉकेट ने सही तरीके से काम करते हुए दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया. रॉकेट अलग हो गया. लेकिन उसके बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया। यानि इसरो का सैटेलाइट्स से संपर्क टूट गया है, जिसे पुनः स्थापित करने की कोशिश जारी है।
इसरो ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर कहा, ‘एसएसएलवी-डी1/ईओएस-02 मिशन : उलटी गिनती दो बजकर 26 मिनट पर शुरू हुई. एसएसएलवी का उद्देश्य उपग्रह ईओएस-02 और आजादीसैट को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करना है. चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसएचएआर) के पहले लॉन्च पैड से सुबह नौ बजकर 18 मिनट पर रॉकेट प्रक्षेपित किया गया।
प्रक्षेपण के करीब 13 मिनट बाद रॉकेट के इन दोनों उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित करने की उम्मीद है. अपने भरोसेमंद ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी), भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के माध्यम से सफल अभियानों को अंजाम देने में एक खास जगह बनाने के बाद इसरो लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) से पहला प्रक्षेपण करेगा, जिसका उपयोग पृथ्वी की निचली कक्षा में उपग्रहों को स्थापित करने के लिए किया जाएगा. इसरो के वैज्ञानिक ऐसे छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए पिछले कुछ समय से लघु प्रक्षेपण यान विकसित करने में लगे हुए हैं, जिनका वजन 500 किलोग्राम तक है और जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जा सकता है।
एसएसएलवी 34 मीटर लंबा है जो पीएसएलवी से लगभग 10 मीटर कम है और पीएसएलवी के 2.8 मीटर की तुलना में इसका व्यास दो मीटर है. एसएसएलवी का उत्थापन द्रव्यमान 120 टन है, जबकि पीएसएलवी का 320 टन है, जो 1,800 किलोग्राम तक के उपकरण ले जा सकता है. इसरो ने इंफ्रा-रेड बैंड्स में उन्नत ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग उपलब्ध कराने के लिए पृथ्वी अवलोकन उपग्रह का निर्माण किया है। ईओएस-02 अंतरिक्षयान की लघु उपग्रह श्रृंखला का उपग्रह है।
क्या है EOS02
EOS02 एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट हैं. जो 10 महीने के लिए अंतरिक्ष में काम करेगा।इसका वजन 142 किलोग्राम है. इसमें मिड और लॉन्ग वेवलेंथ इंफ्रारेड कैमरा लगा है।जिसका रेजोल्यूशन 6 मीटर है. यानी ये रात में भी निगरानी कर सकता है।
क्या है AzaadiSAT
AzaadiSAT सैटेलाइट्स स्पेसकिड्ज इंडिया नाम की देसी निजी स्पेस एजेंसी का स्टूडेंट सैटेलाइट है। इसे देश की 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया था. जिसकी भी आज लॉन्चिंग की गई है।
SSLV-D1/EOS-02 Mission: the launch is scheduled at 9:18 am (IST). Watch LIVE from 08:30 am here: https://t.co/V1Bk6GZoCF pic.twitter.com/ZTYo8NFXac
— ISRO (@isro) August 7, 2022