सरायकेला : खरसावां के प्रसिद्ध हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिरों में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन को मंदिर के रत्न सिंहासन से सभी स्नान मंडप तक लाया गया. इसके बाद महास्नान के सभी रश्मों को निभाया गया. मौके पर प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा का 108 कलश पानी से महास्नान कराया गया.
प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बडे भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश व सुदर्शन को 11 कलश पानी से स्नान कराया गया. इसके अलावे अगुरु, चंदन, गाय का घी, दूध, दही, मधु, हल्दी आदि का लेप भी लगाया गया.
सात जुलाई को निकलेगी रथयात्रा
परंपरा के अनुसार अत्यधिक स्नान कर भगवान बीमार हो गये हैं. उपचार के लिए उन्हें मंदिर के अणसर गृह में रखा गया है. अब 15 दिनों तक प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभदा का अलग-अलग तरह की जड़ी-बूटी देकर उपचार किया जायेगा. इन 15 दिनों में किसी को भी प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा के दर्शन नहीं होंगे. 7 जुलाई को नेत्र उत्सव पर प्रभु नये रंग-रुप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे. इसी दिन ही वार्षिक रथयात्रा भी निकाली जायेगी.
ये थे मौजूद
इस दौरान मुख्य रुप से पुरोहित प्रदीप कुमार दाश, भरत त्रिपाठी, जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव, संजय सिंहदेव, राजेश सिंहदेव, राणा सिंहदेव, जगन्नाथ त्रिपाठी, शचिंद्र कुमार दास, मोहित दास, धनंजय सिंहदेव समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे.