जमशेदपुर : कदमा के शास्त्रीनगर हिंसा में भाजपा नेता अभय सिंह की गिरफ्तारी के बाद पार्टी संगठन में गुटबाजी उभरने का मामला सामने आने लगा है. मौका रहा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के जमशेदपुर आगमन का. बुधवार को दीपक प्रकाश के अलावा भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रवीन्द्र राय भी जमशेदपुर पहुंचे. इस दौरान जहां अभय सिंह की गिरफ्तारी पर सरकार के एक मंत्री के खिलाफ भाजपा के इन वरीय नेताओं ने जमकर भड़ास निकाली. वहीं, स्थानीय भाजपा नेताओं से भी मुलाकात की. उसी बीच भाजपा नेता अमर सिंह, लालचंद सिंह, रंजन सिंह, विजय सिंह, भूषण दीक्षित एवं सुमित श्रीवास्तव ने जमशेदपुर में पार्टी संगठन की स्थिति को लेकर प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के समक्ष जमकर अपनी भड़ास निकाली. मामला अभय सिंह की गिरफ्तारी के बाद भाजपा के संगठन के स्टैंड से जुड़ा हुआ था.
भाजपा नेता अमर सिंह की यह है शिकायत
इस दौरान अमर सिंह सहित अन्य नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को सीधे तौर पर कहा कि भाजपा जैसे संगठन को एक व्यक्ति विशेष का संगठन बनाकर रख दिया गया है. इन्होंने भाजपा के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेई को भी एक शिकायत पत्र भेजने की बात कही. उमसें कहा गया है कि जमशेदपुर महानगर भाजपा में लगातार जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा से ही महानगर अध्यक्ष की नियुक्ति की जा रही है. इससे अन्य सारे विधानसभा क्षेत्र के लोगों में खासी नाराजगी है. जाहिर तौर यह भाजपा नेता अमर सिंह सहित उन नेताओं की शिकायत है, जिन्होंने इस मामले को खुले तौर पर प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष उठाया.
पूर्व मुख्यमंत्री की संगठन में पैठ की शुरू हुई चर्चा
लेकिन इस बीच पार्टी में यह भी चर्चा का विषय बनने लगा है कि वास्तव में भाजपा संगठन में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की कितनी धाक है. या यूं कहें कि उनकी संगठन में पैठ कितनी गहरी है. वैसे, यहां जाननेवाली बात यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं. पार्टी संगठन ने बगैर उनके नेतृत्व क्षमता को देखते हुए तो यह जिम्मा उन्हें सौंपा नहीं होगा. रही बात जमशेदपुर महानगर भाजपा का जिला अध्यक्ष जमशेदपुर पूर्वी से बनने का तो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के समर्थक यह भी कह रहे हैं कि इससे पहले नंदजी प्रसाद, राजकुमार श्रीवास्तव और देवेन्द्र सिंह जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता भी पार्टी के महानगर अध्यक्ष रहे, जो जमशेदपुर पूर्वी के नहीं, बल्कि जमशेदपुर पश्चिम विधान सभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि भाजपा नेता अमर सिंह, लालचंद सिंह व अन्य ने कहीं इस तरह का मामला प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष उठाया है तो निश्चित तौर पर कहीं न कहीं उनके दिल में भी दर्द होगा. पार्टी नेतृत्व को उनकी बातों को गंभीरता से लेना चाहिए और समस्या का समाधान किया जाना चाहिए. रही बात भाजपा संगठन में गुटबाजी उभरने की तो इस तरह की फिलहाल कोई बात नहीं है. वैसे, यह भी चर्चा होने लगी है कि जिस यह पूरा यह मामला बुधवार को अचानक नया मोड़ लेते दिखा, उससे अन्य कई बातें भी खुलकर सामने आने लगी है. आगे यह मामला क्या मोड़ लेता है, यह देखना अब दिलचस्प रहेगा.