जमशेदपुर : बिहार सरकार की तर्ज पर मानदेय समेत अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर राज्य के होमगार्ड जवान 24 मार्च को सामूहिक रूप से अपने कार्य का बहिष्कार करेंगे। इसे लेकर बिष्टुपुर पोस्टल पार्क के पास होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने एक अहम बैठक की। इस दौरान आंदोलन को सफल बनाने पर चर्चा हुई। इस संबंध में एसोसिएशन के प्रमंडलीय संगठन सचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पूर्व से ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था, लेकिन अब उनकी सरकार बनने के बाद भी स्थित जस की तस है। उन्होंने बताया कि सरकार से उन्होंने हेामगार्ड जवानों को नियमित ड्यूटी देने की मांग की है। झारखंड राज्य के सरकारी कार्यालयों में निजी सुरक्षा गार्ड से ड्यूटी ली जा रही है। जबकि होमगार्ड जवानों को काम नहीं मिल रहा है। उनकी दूसरी मांग समान कार्य के लिए समान वेतन की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी पुलिस की तरह उन्हें मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। बिहार राज्य में एक दिन का न्यूनतम वेतन 774 रुपये मिल रहा है, लेकिन झारखंड में महज पांच सौ रुपये का ही भुगतान हो रहा है। कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ भी नहीं मिल रहा है। होमगार्ड जवानों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। सेवानिवृत्त होने पर जवानों को कोई आर्थिक लाभ नहीं मिलता। सरकार से जवानों को एकमुश्त राशि भुगतान की भी मांग की गई है। उन्होंने कहा कि यह मांग पूरी नहीं होती तो सामूहिक कार्य बहिष्कार के अलावा आंदोलन के अन्य रास्ता अख्तियार किया जाएगा।