जमशेदपुर : जैट की परीक्षा पास करने के बाद अंतिम रूप से चयनित विद्यार्थियों का एक्सएलआरआइ में पठन-पाठन शुरू हो गया. उक्त विद्यार्थियों से एक्सएलआरआइ में एल्युमनी एसोसिएशन से जुड़े सदस्य रूबरू हुए, और उन्हें कई व्यावहारिक जानकारी दी. मौके पर पीएसएस आर एंड बी लोबो ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन मारियो लोबो ( 1975-1977 बैच ), होटल बुलेवर्ड के मालिक रोनाल्ड डी कोस्टा (बैच 1965-1968), मेंटर व कोच राज नारायण (बैच 1982-1984), भारत फाइनेंशियल इन्क्लूजन लिमिटेड के चीफ पीपुल ऑफिसर श्रीनि वुदुमाला (बैच 1989-1991) और श्री सुरेश रामासुब्रमण्यन (बैच 1989-1991) मौजूद थे. मौके पर एक्सएलआरआइ एल्युमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष रणवीर सिन्हा ने बताया कि किस प्रकार पिछले 75 वर्षों में एक्सएलआरआइ देश व दुनिया के लिए ना सिर्फ बेहतर मैनेजर बल्कि एक अच्छा इंसान भी प्रोड्यूस कर रहा है. यही कारण है कि एक्सएलआरआइ से पासआउट विद्यार्थी दुनिया के सभी टॉप ब्रांड कंपनियों में बड़ी पदों पर कार्य करते मिल जायेंगे. बताया कि हिंदुस्तान यूनिलीवर का चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर, आइसीआइसीआइ बैंक का सीइओ, एक्सिस बैंक के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर समेत कई बड़ी कंपनियों के टॉप लेवल पदों पर एक्सलर्स कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के नेटवर्क की वजह से एक्सलर्स को काफी सहूलियत होती है. उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट एवं ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के बैच में महिला व पुरुषों के अनुपात की भी जानकारी दी. कहा कि भारत में मैनेजमेंट की शिक्षा हासिल करने वाली पहली महिला भी एक्सएलआरआइ की ही थी. उन्होंने कहा कि एक्सएलआरआइ में महिलाओं की शिक्षा को लेकर अनुकूल वातावरण है. यही कारण है कि छात्राएं यहां सुरक्षित महसूस करती है.
आइडिया व प्रोजेक्ट पहले आता है, पैसे बाद में : रोनाल्ड डिकॉस्टा
एक्सएलआरआई एलुमनी एसोसिएशन के जमशेदपुर चैप्टर के अध्यक्ष रोनाल्ड डिकॉस्टा ने सभी नवागंतुक छात्र-छात्राओं का स्वागत किया. उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए फादर विलियम एन टोम के कथन को दुहराया और कहा कि पहले पैसा नहीं आता है, अच्छे आइडिया व प्रोजेक्ट पहले आते हैं. उस पर अगर सही तरीके से कार्य किया जाये तो खूब पैसा आता है.
परंपरा का नाम है एक्सएलआरआइ : मारियो लोबो
एक्सएलआआइ एलुमनी एसोसिएशन के मुंबई चैप्टर के अध्यक्ष मारियो लोबो ने कहा कि किस प्रकार एक्सएलआरआइ में पिछले 42 वर्षों में भर्ती की प्रक्रिया में बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि एक्सएलआरआइ कभी भी अपने प्रोफेसरों की भर्ती में क्वालिटी से समझौता नहीं करती है. साथ ही उन्होंने कहा कि एक्सएलआरआइ में ज्वाय ऑफ गिविंग की परंपरा है. आपमें हासिल करने की क्षमता से ज्यादा यहां हर कुछ दी जाती है. इस अवसर पर अन्य पूर्ववर्ती छात्रों ने भी अपने विचार व्यक्त किये. मौके पर डीन एकेडमिक्स प्रो. संजय पात्रो भी मौजूद थे.