जमशेदपुर : बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना एक बार फिर चर्चा में है. योजना की प्रगति को लेकर लगातार आवाज उठा रहे बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा ने बुधवार को बड़ौदा घाट पहुंचकर वहां पाइपलाइन पार करने के लिए बने 23 पायों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद उन्होंने स्पष्ट कहा कि घाट पर पाइपलाइन बिछाने का कोई कार्य फिलहाल नहीं हो रहा है, जबकि यह कार्य योजना की सफलता के लिए अहम है.
स्थानीय लोगों ने समिति को बताया कि ठेकेदार के मजदूर यह कहते हुए काम छोड़ चुके हैं कि उन्हें भुगतान नहीं मिल रहा है. इस कारण घाट पर निर्माण कार्य ठप पड़ा है. सुबोध झा ने आरोप लगाया कि यह योजना जो 237 करोड़ रुपये की लागत से बननी थी, वह 11 साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि इस पैसे का गबन हो गया, और जनता अब तक घर-घर जलापूर्ति से वंचित है.
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मिला नया फंड
सुबोध झा ने जानकारी दी कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस योजना को पूरा करने के लिए भारत सरकार के जल जीवन मिशन के तहत 50 करोड़ 58 लाख रुपये का फंड फिर से मंजूर किया गया था. 26 जुलाई 2024 को योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाने का समझौता भी हुआ था, लेकिन आज 23 अप्रैल 2025 तक स्थिति जस की तस बनी हुई है,
समिति के अध्यक्ष ने इस पूरे मामले को जनता के साथ धोखा करार दिया और आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण योजना अधूरी रह गई है. उन्होंने जल्द से जल्द कार्य को शुरू करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. बागबेड़ा क्षेत्र के लोगों ने भी अब इस मामले को लेकर आवाज उठाने की तैयारी कर ली है. स्थानीय नागरिकों में भी इसे लेकर नाराजगी है.