जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के बोड़ाम प्रखंड के कदमजोड़ा गांव में साल भर से पीएचईडी विभाग द्वारा बना जलमीनार दार्शनिक वस्तु बनकर रह गई है। जलमीनार में निर्माण के बाद से ग्रामीणों को पानी तक नसीब नहीं हुआ। योजना पूरी तो हुई लेकिन उद्देश्य पूरा नहीं हुआ।गांव के लोग पाइप लाइन की सुविधा पाने की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन विभाग इस योजना को संचालित नहीं कर पाई। जीवन के लिए पानी बहुत जरूरी है। पानी के बिना सब शून्य हो जाता है। सुबह से लेकर शाम तक लोग पानी के सहारे ही जीवन यापन करते हैं। ग्रामीणों को आस थी कि शहरों की तुलना में गांव में भी नल से पानी उपलब्ध होगा, लेकिन उनकी आस अधूरी रह गई । घरों तक पानी आज भी नहीं पहुंचा। लोग पानी की आस में टंकी की और टकटकी लगाए नजरों से देखते नजर आते हैं। इस योजना के सफल संचालन से गांव में भी पीने के पानी घर तक पहुंच सकता है। गांव के शक्तिपदा महतो बताते हैं कि योजना काफी साल पहले धरातल पर निर्मित हुई, लेकिन ग्रामीणों को आज तक पीने का पानी नसीब नहीं हुआ। एक नलकूप चापाकल नया लगने के लिए अनुशंसा कीगई थी, लेकिन दूसरे टोले में लगवा दिया गया । इस टोला की दो दर्जन परिवार के लोग एक छोटी जलमीनार से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं।